- कपड़ा मार्केट की बिल्टी सेंट्रल पर भेजने, निकलवाने का भी शानू बादशाह और सबलू के बीच चल रहा था विवाद

- क्राइम ब्रांच के सिपाही, सबलू और भईया जी का खेल बिगाड़ दिया था बादशाह ने

- अब भईया जी कर रहे जेल में रहने की व्यवस्था से लेकर छुड़ाने के लिए एफडी तक का इंतजाम

KANPUR: शानू हत्याकांड सिर्फ प्रॉपर्टी के झगड़े में नहीं हुआ बल्कि इसका कनेक्शन कानपुर सेंट्रल पर होने वाले अवैध कारोबार से भी है। जिसको लेकर सबलू, भईया जी, शाहिद पिच्चा और क्राइम ब्रांच के सिपाही को शानू बादशाह अकेला ही टक्कर दे रहा था। चमनगंज, बेकनगंज और कर्नलगंज स्थित कपड़ा मार्केट की बिल्टी सेंट्रल से निकलवाने व भेजने का काम सबलू काफी समय से कर रहा था, लेकिन जब बादशाह इस काम में घुसा तो हालात बिगड़ने लगे। कपड़ा मार्केट से होने वाली वसूली का बंटवारा न तो सबलू को मंजूर था और न ही क्राइम ब्रांच के उस सिपाही व भईया जी को। इसी बात को लेकर चार महीने पहले कार्लोस ने शानू बादशाह के घर पर धाबा बोला था। जिसके बाद दोनों पक्षों को बैठा कर समझौता भी कराया गया था, लेकिन इसी समझौते ने बादशाह की हत्या की नींव भी रख्ा दी थी।

स्टेशन के अवैध कारोबार से कत्ल का रिश्ता

सबलू का प्रॉपर्टी के अलावा चमनगंज, कर्नलगंज की कपड़ा मार्केट से बिल्टी का भी काफी बड़ा काम था। यही काम शाहिद पिच्चा भी कर रहा था। सबलू के साथ इस काम में क्राइम ब्रांच का चर्चित सिपाही व भईया जी भी जुड़े थे। यही लोग कपड़ा मार्केट से वसूली भी करते थे। जिसमें सबलू का ही वर्चस्व था, लेकिन जब शानू बादशाह ने इस काम में एंट्री की तब बात बिगड़ गई। कपड़ा मार्केट के कई कारोबारी उसके साथ भी जुड़ गए।

समझौते ने दिखा दिया था कत्ल का रास्ता

चार महीने पहले कार्लोस और शानू बादशाह के बीच हुए झगड़े की वजह यही बिल्टी की वसूली का विवाद था। जिसमें कार्लोस शानू बादशाह को मारने के लिए कार में अपने साथियों संग आया था। झगड़े की जड़ यही थी कि बादशाह के इस काम में आने के बाद सबलू की वसूली कम हो गई थी। दोनों में झगड़ा खत्म कराने के लिए एक मीटिंग भी कराई थी। जिसमें दोनों ने समझौता कर लिया था, लेकिन शानू बादशाह ने इस धंधे से अपने हाथ निकालने से मना कर दिया था और तभी उसके कत्ल का रास्ता भी साफ हो गया था।

जेल में व्यवस्था से लेकर जमानत तक का हो रहा इंतजाम

सबलू और शानू कंटर के जेल जाने के बाद जेल में उनके लिए पूरी व्यवस्था कर दी गई है। वहीं उसे बाहर निकालने के लिए जमानत तक का इंतजाम भईया जी कर रहे हैं। सभी आरोपियों की जमानत कराने के लिए भ्0-भ्0 हजार रुपए की एफडी भी उनके परिजनों के नाम कर दी गई है।

हत्या के लिए आया और फिर चला गया मुंबई

सबलू के मुताबिक वारदात वाले दिन वह मुंबई में था। दरअसल इसके पीछे की कहानी उसकी लोकेशन मुंबई में दिखाने के लिए रची गई थी, लेकिन क्या मोबाइल की लोकेशन मुंबई होने का मतलब सबलू मुंबई में ही था, यह नहीं हो सकता। सूत्रों की माने तो सबलू मुंबई गया था लेकिन हत्या की प्लानिंग ही इस तरह से गई थी कि ऐसा लगे कि सबलू मुंबई में है। सूत्रों की माने तो वह सिर्फ कत्ल के लिए मुंबई से लौटा कत्ल के बाद फिर मुंबई चला गया। जब क्राइम ब्रांच के उस सिपाही व एक पूर्व एसओ ने उसके सरेंडर करने का इंतजाम कर दिया, तब वह वापस आया।