आई एक्सक्लूसिव
-कानपुर की सुबह भी हुई जहरीली, दोपहर बाद खतरनाक स्तर पर पहुंचा एयर पॉल्यूशन का ग्राफ
-नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट में सबसे बुरी स्थिति में है कानपुर की आबोहवा
-दावों की निकली हवा, दमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है कानपुर की हवा
द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
यन्हृक्कक्त्र : अभी सर्दी की 'सिरहन' भी ठीक से शुरू नहीं हुई है और कानपुर की आबोहवा 'गैस चैंबर' में तब्दील होने लगी है। थर्सडे को कानपुर में प्रदूषण का स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। जबकि एवरेज 316 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। प्रदूषण का स्तर मानक से 8 गुना ज्यादा हो चुका है। थर्सडे को एयर क्वालिटी इंडेक्स की जारी रिपोर्ट में पूरे देश में कानपुर चौथे नंबर पर पहुंच गया है। बता दें कि साल-2017 में डब्ल्यूएचओ ने कानपुर को दुनिया में सबसे पॉल्यूटेड शहर का शर्मनाक खिताब दिया था। एक साल बीत जाने के बाद सर्दी शुरू होने से पहले ही पॉल्यूशन रूपी रावण ने अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है। मुश्किल इस बात की है कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड गाइडलाइन जारी कर जिम्मेदारी पूरी कर देता है और जिम्मेदार विभाग उन निर्देशों को 'कागजों' में पूरा कर 'चैन की नींद' सो जाते हैं।
सुबह भी हुई जहरीली
एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट में सुबह 6 बजे भी पीएम-2.5 का स्तर 271 है, जो मानक से 4 गुना है। मॉर्निग वॉकर्स के लिए यह खतरे की घंटी है। सुबह और शाम कानपुर में बेहद पॉल्यूटेड इलाकों में गहरी धुंध छाने लगी है। वहीं दोपहर 1 बजे के बाद एयर पॉल्यूशन में बढ़ोत्तरी होती गई, जो शाम 4 बजे तक 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई। वहीं डॉक्टर्स के मुताबिक दमा रोगियों को एतियात बरतने की जरूरत है।
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झाड़ू पर नहीं लगी रोक
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्राल बोर्ड की जारी गाइडलाइन के मुताबिक सर्दियों में मुख्य मार्गो में ऑटोमैटिक मशीनों के जरिए सफाई कराई जाने के निर्देश हैं। सीएम ने भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है। सुबह-सुबह सफाई कर्मियों द्वारा झाड़ू लगाए जाने से भारी मात्रा में पॉल्यूशन फैल रहा है। विभाग के पास 2 ऑटोमैटिक स्वीपर मशीन में से 1 मशीन पिछले 9 महीन से खराब पड़ी है। इसके अलावा कई जगहों पर सफाई कर्मी ही कूड़ा एकत्रित कर आग लगा देते हैं। शहर में रोजाना 1300 टन कूड़ा निकलता है और 2 लाख टन से ज्यादा कूड़ा डंपिंग ग्राउंड में जमा है।
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वाहनों से बढ़ता जा रहा प्रदूषण
हर साल लाखों वाहन सड़कों पर उतरते हैं और प्रदूषण का बड़ा कारण बनते हैं। शहर में 70,000 से ज्यादा ऐसे वाहन हैं जो अपनी लाइफ पूरी कर चुके हैं, लेकिन फिर भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। लाइफ पूरी कर चुके इन वाहनों से मानक से ज्यादा प्रदूषण होता है। गाडि़यों से निकलने वाले धुएं विकराल समस्याओं को पैदा कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए आरटीओ ने कोई कदम नहीं उठाया, सिर्फ कोरे वादे कर कार्यवाही पूरी कर दी जाती है।
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कानपुर का एवरेज पीएम-10 लेवल
2011-- 184
2012-- 215
2013--201
2014--199
2015--201
2016--209
2017--213
2018--280
नोट- पीएम 10 का मतलब 10 माइक्रोन से अधिक साइज के पार्टिकुलेट मैटर्स।
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एयर क्वालिटी स्टैंड्डर्स
पीएम 10-- 60
एसओटू-- 50
एनओटू-- 40
नोट--माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
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यह है पॉल्यूशन का हाल
मोहल्ला पीएम 2.5 एसओटू एनओटू
किदवई नगर 209 6.3 55.38
जरीबचौकी 239 7.28 50.62
पनकी साइट-1 259 7.98 49.66
शास्त्री नगर 232 7.54 54.59
कल्याणपुर 235 7.88 54.59
रामादेवी 156.6 4.3 34.2
(नोट: डाटा 2018 का है, सभी माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर.)
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देश के टॉप-5 पॉल्यूटेड शहर
1. गुड़गांव
2. भिवंडी
3. गाजियाबाद
4. कानपुर
5. फरीदाबाद
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यह हैं पॉल्युशन के प्रमुख कारण
-सड़कों पर डस्ट
-वाहनों का बोझ
-सॉलिड वेस्ट
-सड़कों पर फैला कूड़ा
-भवन निर्माण और डेमोलिशन
-इंडस्ट्रियल एरिया
-जेनरेटर सेट्स
-पुआल को जलाना
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पॉल्यूशन कम करने के उपाय
-ग्रीन बफर एरिया
-सड़कों के किनारे ग्रीनरी
-वाटर फाउंटेन
-ओपेन एरियाज में पौधरोपण
-सड़कों को साफ किया जाए
-निर्माण कार्य को कवर किया जाए
-कूड़े का ट्रांसपोर्टेशन ढक कर हो
-इंडस्ट्रियल एरिया में ग्रीनरी
-सीएनसी, एलपीजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग
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थर्सडे का हाल
पॉल्यूटेंट मैक्सिमम एवरेज
पीएम 2.5 500 316
एनओ टू 165 110
एसओ टू 27 16
सीओ 190 80
ओजोन 84 45
नोट-- मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
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बढ़ती ठंड की वजह से एयर पॉल्यूशन बढ़ता ही जा रहा है। विभागों को जारी गाइडलाइन पर कड़ाई से पालन कराना होगा। तब ही पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को कम किया जा सकता है।
-कुलदीप मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, उ.प्र। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड।
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पॉल्यूशन को कम करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की सभी गाइडलाइंस का पालन कराया जाएगा। झाड़ू लगाने से पहले पानी डाले जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
-संतोष कुमार शर्मा, नगर आयुक्त।
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पॉल्यूशन फैला रहे वाहनों पर लगाम कसी जाएगी। सर्दियों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
-संजय सिंह, आरटीओ प्रशासनिक