- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक

- 45 से ज्यादा प्रस्तावों पर लगी सोमवार को मंत्रिपरिषद की मुहर

LUCKNOW: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में कानपुर मेट्रो की डीपीआर को मंजूरी दे दी गयी। मंत्रिपरिषद ने कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए राइट्स लिमिटेड द्वारा तैयार डीपीआर को अनुमोदित करने के साथ इसे केन्द्र सरकार को भेजे जाने पर सहमति जताई। डीपीआर में कानपुर मेट्रो परियोजना में कुल 32 किमी की लंबाई में दो कारीडोर्स प्रस्तावित किए गये हैं।

31 स्टेशन होंगे

इन दोनों कारीडोर्स में कुल 31 स्टेशन प्रस्तावित हैं। जिनमें 19 एलिवेटेड एवं 12 भूमिगत हैं। अगस्त 2015 की दरों पर कर एवं प्रभार सहित परियोजना की कुल लागत 13721 करोड़ रुपए अनुमानित है। डीपीआर में भारत सरकार के परामर्श अथवा अन्य कारणों से भविष्य में किए जाने वाले संशोधनों अथवा परिवर्तनों के लिए डीपीआर में प्रस्तावित कारीडोर के क्रियान्वयन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत निर्णय लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। कानपुर मेट्रो के लिए भारत सरकार की अनुभवी एवं विशेषज्ञ संस्था राईट्स द्वारा डीपीआर तैयार की गयी है।

सीमेंट पर अतिरिक्त कर बढ़ा

मंत्रियों के समूह ने सीमेंट पर लगने वाले अतिरिक्त कर को एक फीसद बढ़ाये जाने की मंजूरी भी प्रदान कर दी है। पहले यह कर तीन फीसद था। अब इसे बढ़ाकर चार फीसद कर दिया गया है। इससे प्रदेश में मकान बनाने वालों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। राज्य सरकार ने सीमेंट व्यवसायियों के लिए आवश्यक चालान की व्यवस्था को खत्म करने का निर्णय भी लिया है।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड पे

कैबिनेट ने सूबे के 22 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्रेड पे दिये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए कर्मचारी संगठन पिछले कई दिनों से प्रयासरत थे। राज्य सरकार के इस निर्णय को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियो के लिए होली का तोहफा माना जा रहा है।

अन्य अहम फैसले

1. किसानों को मोबाइल सोलर संयंत्र और पम्प पर अनुदान

- मोबाइल सोलर संयंत्र एवं पम्प की योजना को मंजूरी। इसके तहत किसानों को ट्रॉली, तीन हजार वॉट सोलर पैनल, फिक्सर, सरफेस मोनो ब्लॉक पम्प, पाइप, फ्लैक्सी वायर, सक्शन पाइप आदि उपलब्ध कराया जाएगा। लघु एवं सीमान्त कृषकों को 60 प्रतिशत, लघु-सीमान्त कृषकों के समूह एवं स्वयं सहायता समूह को 50 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 35 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार से दिया जाएगा।

2. प्रधानमंत्री आवास योजना

- कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन का फैसला लिया है। इसके तहत वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्र के सभी पात्र परिवारों, लाभार्थियों को सार्वजनिक व निजी प्रवर्तकों की भागीदारी से किफायती दामाें पर आवास मुहैया कराये जाएंगे। योजना के तहत केन्द्रीय सहायता 60 प्रतिशत और अवशेष 40 प्रतिशत राज्य द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के अन्तर्गत सभी 635 नगर निकायों की सूची केन्द्र सरकार को भेजी गई है। कार्य योजनाओं और परियोजनाओं के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति का गठन होगा। वहीं सूडा को राज्य स्तरीय नोडल एजेन्सी नामित किया गया है।

3. ताज ओरिएंटेशन सेन्टर, शिल्पग्राम के निर्माण का फैसला

- आगरा में ताजमहल के पूर्वी गेट के निकट स्थित शिल्पग्राम को ध्वस्तीकरण के उपरान्त नये सिरे से ताज ओरिएन्टेशन सेन्टरए शिल्पग्राम के निर्माण का निर्णय लिया है।

4. चक गंजरिया में पशुपालन विभाग के भवनों का ध्वस्तीकरण

- लखनऊ के चक गंजरिया में उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए मंत्रिपरिषद ने प्रस्तावित स्थल पर पशुपालन विभाग के पूर्व से निर्मित भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। प्रस्तावित कैंसर संस्थान के निर्माण के लिए चक गंजरिया परिक्षेत्र में पशुपालन विभाग की भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को नियमानुसार कब्जा प्राप्त हो गया है। इससे कैंसर संस्थान के निर्माण में तेजी आएगी।

5. पंचायती राज इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग होगा शुरू

- कैबिनेट ने पंचायती राज इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग के सुचारु संचालन के लिए मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन, आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन, प्रबंध तंत्र तथा कार्यकारिणी समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी कर दी है। यह प्रशिक्षण संस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में संचालित किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष प्रमुख सचिव, सचिव पंचायती राज विभाग होंगे। प्रबन्ध तंत्र में अध्यक्ष के अतिरिक्त 18 अन्य सदस्य होंगे।

6. बिल्डर्स के लिए समाधान योजना

कैबिनेट ने उप्र मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की धारा 6 के तहत बिल्डर्स के लिए कर निर्धारण वर्ष 2012-13 एवं आगे के सभी वषरें के लिए कतिपय शतरें के साथ समाधान योजना लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

7. हवाई पट्टियों का स्वामित्व होगा वापस

- मुरादाबाद, फैजाबाद तथा मेरठ की हवाई पट्टियों को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित करने के लिए हुए एमओयू को निरस्त करने तथा हवाई पट्टियों का स्वामित्व वापस प्राप्त करने की कार्यवाही के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नोटिस देने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया। साथ हीए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से नोटिस का उत्तर प्राप्त होने पर प्रकरण पर आवश्यकता के अनुरूप निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का भी फैसला लिया गया है।

8. आईसीपीएस में भारत सरकार द्वारा फंडिंग पैटर्न में संशोधन

- कैबिनेट ने समेकित बाल संरक्षण योजना (आार्§सीपीएस) में भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में फंडिंग पैटर्न में किए गए संशोधन के अनुरूप कार्यवाही करने का फैसला लिया है। इसके तहत किशोर न्याय बोर्ड तथा बाल कल्याण समितियों में केन्द्रांश व राज्यांश पूर्व की भांति क्त्रमश: 35 प्रतिशत एवं 65 प्रतिशत रखा गया है। अन्य अभिकरणों के लिए पूर्व के अनुपात 75:25 को संशोधित कर 60:40 तथा स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी वाले कायरें के लिए 90 प्रतिशत केन्द्रांश की व्यवस्था के स्थान पर 60:30:10 की व्यवस्था की गई है, जिसमें केन्द्रांश 60, राज्यांश 30 व स्वैच्छिक संगठन की भागीदारी 10 प्रतिशत की है। पैटर्न में परिवर्तन के बाद राज्य सरकार पर 59.33 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय भार आएगा।

9. पुरोनिधानित योजनाओं में फंडिंग पैटर्न बदला

- भारत सरकार द्वारा केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं के अंतर्गत संशोधित पैटर्न के उपरान्त ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में राज्यांश के रूप में राज्य सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त व्यय भार 12 अरब 63 करोड़ 4 हजार को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। परिवर्तित पैटर्न के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1 का पूर्व निर्धारित फंडिंग पैटर्न केन्द्रांश:राज्यांश 100:00 के स्थान पर 60:40 प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना-2 का 75:25 के स्थान पर 60:40, इन्दिरा आवास योजना का 75:25 के स्थान पर 60:40, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का 75:25 के स्थान पर 60:40, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण का 75:25 के स्थान पर 60:40 तथा बायोगैस 100:00 के स्थान पर 50:50 भारत सरकार द्वारा तय किया गया है।

10. बागवानी और सिंचाई योजना का फंडिंग पैटर्न बदला

- मंत्रिपरिषद ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक (पर ड्रॉॅÂ मोर क्त्रॉप) माइक्त्रो इरिगेशन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के भारत सरकार द्वारा निर्धारित संशोधित फंडिंग पैटर्न के अनुसार केन्द्रांश 60 प्रतिशत एवं राजस्व 40 प्रतिशत के रूप में व्यय किए जाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही माइक्त्रो इरिगेशन योजना में पूर्व में स्वीकृत व्यवस्था के अनुसार लघु सीमान्त कृषकों को 40 प्रतिशत एवं सामान्य कृषकों को 35 प्रतिशत राज्यांश अनुदान की सीमा यथावत लागू रखी जाएगी। डीबीटी के तहत अनुदान भुगतान की प्रक्रिया का निर्धारण भी कर लिया गया हैं।

11. पीपीपी परियोजनाओं के दिशा-निर्देशों में संशोधन

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की पीपीपी परियोजनाओं के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों के संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। परामर्शदाता के चयन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों की प्रयोज्यता पांच लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए की गई है।

12. नई आसवनी स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी

प्रदेश में शीरे से अल्कोहल (औद्योगिक अल्कोहल एवं पेय मदिरा) का उत्पादन करने वाली आसवनियों को पेय मदिरा के लिए अल्कोहल उत्पादन तथा गैर शीरा पदार्थ से पेय मदिरा के लिए अल्कोहल उत्पादन के लिए नई आसवनी स्थापना की अनुमति प्रदान करने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा शतरें के साथ मंजूरी प्रदान की गई है।

13. समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति नियमावली को संशोधन

अब जनरल स्टूडेंट्स को प्री-मेट्रिक में 750 के बजाय 2250 रुपये सालाना वजीफा मिलेगा। हालांकि, इसके लिए पारिवारिक आय सालाना दो लाख रुपये रखी गई है।

सभी मंडल चिकित्सालयों में फ्री डायलिसिस जल्द

प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर राज्य सरकार मुफ्त डायलिसिस की सुविधा देगी। सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रस्ताव के मुताबिक 18 मंडल मुख्यालयों पर 180 हीमो-डायलिसिस मशीनें पीपीपी मॉडल पर लगेंगी। इससे प्रदेश के करीब 1.83 लाख किडनी के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। मालूम हो कि प्रदेश में डायलिसिस की मशीनों की संख्या महज 150 है। इनमें निजी अस्पतालों की मशीनें भी शामिल है जहां गरीबों का इलाज बेहद महंगा है। निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराने में करीब चार हजार रुपये का खर्च आता है। साल भर में मरीजों को करीब 70 बार डायलिसिस करानी होती है। सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस मुफ्त होने से खासतौर पर गरीबों को बड़ी राहत मिलेगी। इस सम्बन्ध में निजी सेवा प्रदाता के चयन पर अंतिम निर्णय एवं वांछित अन्य कार्रवाई पर अग्रेत्तर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।