- धर्मनगरी में चोरों दिखाओं में नजर आ रहे कांवडि़ये, भगवान शिव के जयघोषि गुंजायमान

- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर

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HARIDWAR:  चारों दिशाओं में कांवडि़ये नजर आए रहे हैं और भगवान शंकर के जयघोष गुंजायमान हैं। श्रावण मास के पहले दिन धर्मनगरी खासकर हरकी पैड़ी क्षेत्र का नजारा अलग ही रहा। चंद्रग्रहण की समाप्ति पर श्रावण मास के पहले दिनभर कांवडि़यों की आवाजाही रही। पुलिस के अनुसार अब तक करीब सात लाख कांवड़ यात्री जल लेने हरिद्वार पहुंच चुके हैं। गंगाजल भरने के बाद कांवडि़यों के वापसी का क्रम भी शुरू हो गया है। सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से धर्मनगरी में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

 


धर्मनगरी में कांवडि़यों का तांता
धर्मनगरी में कांवड़ यात्रियों का आना यूं तो एक सप्ताह पूर्व से आरंभ हो गया था, लेकिन गंगाजल लेकर वापसी का क्रम वेडनसडे श्रावण मास के पहले दिन से तेजी पकड़ा। 30 जुलाई तक धर्मनगरी में कांवड़ मेले का रंग गहरा होता जाएगा। कांवड़ मेला के विधिवत आरंभ होने पर धर्मनगरी सामान्य दिनों की अपेक्षा बदली हुई नजर आ रही है। कदम-कदम पर धर्म-अध्यात्म की गंगा बह रही है, जिसमें लाखों शिवभक्त गोते लगाते दिखाई दे रहे हैं। विभिन्न प्रांतों से आए कांवड़ यात्रियों ने डेरा डाल दिया है। हरकी पैड़ी, मुख्य कांवड़ मेला बाजार पंतद्वीप, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कांवड़ यात्रियों की चौपालें सजी हैं। चाय की दुकान, गंगा तट, मठ-मंदिर और पार्क इत्यादि जगहों पर कांवड़ यात्री ही नजर आ रहे हैं, कहीं शिव की महिमा के गुणगान हो रहा तो कहीं धार्मिक गीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं.




धर्मनगरी के बाजार गुलजार

हरकी पैड़ी क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों के बाजारों में सुबह से लेकर देर रात तक रौनक छाई हुई है। कांवडि़यों के घुंघरुओं की आवाज रास्तों में गूंज रही हैं। कांवड़ बाजार भी सज गया है। परंपरा और मान्यता है कि शिव जलाभिषेक को गंगा जल लेने हरिद्वार आने वाला कांवड़ यात्री यहीं से अपनी कांवड़ खरीदता है। ऐसे में यहां पर हर वर्ष कांवड़ बाजार सजता है।