कानपुर।  कर्नाटक में मंगलवार देर रात दो विधायकों के कर्नाटक सरकार से अपना समर्थन वापस लेने से हड़कंप मच गया है। एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने सरकार से समर्थन वापस लेने की सूचना राज्यपाल को चिट्ठी के जरिए दे दी है। उनके इस कदम की वजह से राजनीतिक गलियारे में सियासी उठापटक जारी है। खबरों की मानें तो एक या दो दिन में कांग्रेस के और कुछ विधायकों के इस्तीफा देने के आसार हैं।  

कर्नाटक में दो विधायकों के समर्थन वापस लेने से गरमाई राजनीति,सीएम कुमारस्वामी बोले डोंट वरी

सरकार स्थिर है, डोंट वरी

हालांकि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि उनकी सरकार स्थिर है। डोंट वरी। वह रिलैक्स हैं। एक दो दिन में सब कुछ पटरी पर आएगा। उन्हें पूरा भराेसा है कि उनकी सरकार पूरे पांच साल पूरे करेगी। सभी विधायक मीडिया के टच में  नहीं है लेकिन उनके टच में हैं।

कर्नाटक में दो विधायकों के समर्थन वापस लेने से गरमाई राजनीति,सीएम कुमारस्वामी बोले डोंट वरी

कांग्रेस में कोई आंतरिक लड़ाई नहीं

वहीं कांग्रेसी नेता भी ऐसी किसी भी संभावना से लगातार इनकार कर रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी के सी वेणुगोपाल का भी कहना है कि मैं अपने सभी विधायकों के संपर्क में हूं। यह नाटक एक या दो दिन में समाप्त हो जाएगा। हम सब एक साथ हैं। कांग्रेस में कोई आंतरिक लड़ाई नहीं है। यह सब निराधार है। ऐसे में बेशक कर्नाटक के सीएम एचडी कुमार स्वामी और कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि इससे कोई असर नहीं पड़ने वाला है लेकिन भाजपा का कहना है कि यह सरकार अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी। यहां आतंरिक कलह ने अब रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

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जेडी एस व कांग्रेस में कलह चल रही

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता व कर्नाटक में पार्टी प्रभारी पी मुरलीधर राव ने कहा कि जेडी एस व कांग्रेस में कलह चल रही है। यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकती है। राव ने भाजपा द्वारा सरकार को गिराने का प्रयास करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि समस्या कांग्रेस के अंदर है। यहां आंतरिक प्रतिद्वंद्विता व महत्वाकांक्षाओं का टकराव है। कांग्रेस डीके शिवकुमार सरकार का नेतृत्व करना चाहते है।  डीके शिवकुमार कांग्रेस के लिए एक समस्या बन गए हैं। उन्होंने जेडी एस व कांग्रेस के गठबंधन को अवसरवादी और अप्राकृतिक करार किया।

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भाजपा पर आरोप बेवजह लगाए जा रहे

पी मुरलीधर राव ने कहा है कि 78 विधायकों वाली पार्टी अपने विधायकों की संख्या के आधे से कम वाले दल को समर्थन देती है, तो ऐसी सरकार स्थिर नहीं हो सकती। भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश करने के आरोप बेवजह लगाए जा रहे हैं। बता दें कि बीते साल कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104 सीटें जीतकर सिंगल लारजेस्ट पार्टी के रूप में उभरी थी। हालांकि उसके पास बहुमत नहीं था। इसकी वजह से 78 सीटों पर जीती कांग्रेस और 37 सीटों पर जीती जेडीएस ने भी गठबंधन का दावा कर सरकार बनाई थी और जेडी एस के एचडी कुमारस्वामी सीएम बने थे।

एजेंसी इनपुट सहित

कर्नाटक : सीएम कुमारस्वामी बोले नहीं टूटेगा गठबंधन, पांच साल पूरे करेगी सरकार

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