- पति भी ले रहे हैं करवाचौथ का व्रत

- पत्नियों के साथ निर्जल और निराहार रहने को तैयार

DEHRADUN: हिंदू धर्म में परिवार की रक्षा, खुशहाली के लिए अधिकांश व्रत महिलाओं खासकर पत्नियों द्वारा ही रखे जाते हैं। करवा चौथ का व्रत भी उनमें से एक है, लेकिन अब कुछ खुली मानसिकता के लोगों ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि प्रथाएं रिश्तों से बड़ी नहीं हो सकतीं। यही कारण है कि कुछ नव-विवाहित पुरुष भी अब करवा चौथ का व्रत रखते देखे जा रहे हैं।

बदल रहा है ट्रेंड

मॉर्डन जमाने के साथ बदलते धार्मिक ट्रेंड में अब पति भी अपनी पत्नियों की लंबी उम्र के लिए व्रत ले रहे हैं। शादी को आपसी प्रेम, समझ और तालमेल का रिश्ता बताने वाले ये पति अपनी पत्नियों की तरह सुबह से शाम तक निर्जल व निराहार रहने को तैयार हैं। कई पति तो पूरे दिन छुट्टी लेकर पत्नी के साथ बिताते हैं और साथ-साथ उपवास की इस प्रथा का निर्वाह कर रहे हैं। उनका मानना है कि सालों से सिर्फ पत्नियां ही इस कठिन व्रत को लेती आई हैं, तो अब पतियों का भी फर्ज बनता है कि वे लोग भी एक दिन इस व्रत को सच्चे मन से रखें और एक नई परंपरा का आरंभ हो जहां पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए समान रूप से समर्पित रहें। इशारा साफ है कि बदलते वक्त के साथ र्सिफ सोच ही नहीं प्रथाएं भी बदल रही हैं।

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- मेरी नई-नई शादी हुई है। हम दोनों हसबैंड-वाइफ जॉब करते हैं। मैं मानता हूं कि जब मेरी पत्नी छुट्टी लेकर घर पर पूरे दिन सिर्फ मेरी लंबी उम्र के लिए व्रत रख सकती है तो मैं क्यों नहीं ऐसा कर सकता। शायद अब एक नई परंपरा शुरू करने का वक्त आ गया है।

-चेतन बिष्ट, डालनवाला

- व्रत तो कोई भी ले सकता है, चाहे पति हो या पत्नी, बस दोनों के बीच आपसी प्रेम का बंधन मजबूत होना चाहिए यही सबसे ज्यादा जरूरी है, जैसे मेरी पत्नी मेरे लिए समर्पित है वैसे मैं भी अपनी पत्नी के लिए समर्पित रहना चाहता हूं।

- अंकित भट्ट, पटलेनगर

- अगर मेरी पत्नी मेरी लंबी उम्र के लिए दिन भर भूखे रहकर व्रत ले सकती है तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है। सारा त्याग आखिर स्त्रियां ही क्यों करें, इसलिए मैंने इस बार अपनी पत्नी के साथ करवा चौथ का व्रत रखने का निर्णय लिया है।

-देवेंद्र कुमार, राजपुर रोड

- मैंने क्9 तारीख को ऑफिस से छुट्टी ली है और सोचा है कि मैं भी अपनी पत्नी के साथ व्रत रखूंगा। यह दिन पति-पत्नी के लिए बहुत खास होता है तो अब हम दोनों भी इस व्रत को एक साथ रखकर इस दिन को खास बनाएंगे।

- सतेंद्र सिंह रावत, सुभाष नगर

- खुलती मानसिकता के चलते बदल रही प्रथाएं

- इस व्रत में की जाती है दीर्घायु व सकुशलता की कामना

-मॉर्डन पतियों की सोच- शादी, आपसी प्रेम और समर्पण का रिश्ता

- बुधवार को मनाया जाएगा यह पावन पर्व