फीका पड़ा शासन का 'लजीज खाना'
- शासन ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की लाडली को लजीज भोजन देने के नाम पर किया मजाक
- हवा हवाई बजट के बीच शुरू हुई योजना शुरू होते ही हो गई फेल
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की लाडली ने खोली सरकारी बजट की पोल
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Meerut : शासन द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की लाडली को लजीज खाना परोसने का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। बालिकाओं को लजीज खाना परोसने के लिए शासन द्वारा दिया गया बजट कम पड़ रहा है। बालिकाओं को बजट के अनुसार दिए गए मेन्यू में काफी चीजें तो ऐसी हैं, जो बालिकाओं को परोसी ही नहीं जा रही।
कम है बजट
अगर हम गौर करें तो इस मैन्यू से पहले सरकार की ओर से एक बालिका के लिए 30 रुपए पर डे यानि 900 रुपए पर मंथ का आता था, जिसमें केवल दाल, रोटी, और सब्जी व दलिया ही परोसा जाता था। इसके बाद शासन ने नया मैन्यू जारी करने के साथ ही 50 रुपए पर डे एक बालिका के लिए कर दिया। यानि 1500 रुपए पर मंथ का बजट हो गया है, जिसमें मंथ में एक दिन स्पेशल डिश जैसी चाउमीन, बर्गर, टिक्की, पाव भाजी आदि के साथ ही पर डे भी स्पेशल भोजन परोसने की योजना दी है, लेकिन बजट कम होने की वजह से विद्यालयों में सभी चीजें परोसना मुश्किल ही पड़ रहा है।
कैसे होगा पचास रुपए में?
अगर हम शासन द्वारा दिए गए बजट व खाने के मैन्यू का हिसाब लगाए तो यह बजट केवल मजाकिया ही लग रहा है। शासन के अनुसार एक दिन की दाल के 20 रुपए, दो सौ ग्राम दूध के दस रुपए, आटा के लिए तीनों टाइम छह रुपए, सब्जी के छह रुपए, एक दिन में दो केले के लगभग आठ रुपए, पोहा के पांच रुपए, चावल दो सौ ग्राम के आठ रुपए, सलाद के दो टाइम के चार रुपए, रायता दो टाइम के पांच रुपए, शाम के नाश्ते में चाय और पकौड़े के 15 रुपए, रात के खाने के बाद खीर या मीठे के पांच रुपए। ऊपरी तौर पर देखा जाए तो इस हिसाब से एक दिन के 92 रुपए का खर्च बैठ रहा है। इसके अलावा अगर हम अन्य खर्च लगाए तो यह बजट और भी ज्यादा बैठेगा। यह बजट इसलिए बैठाया गया है क्योंकि यह खाना केवल अपने आसपास की दुकानों से ही खरीदा जा रहा है। इसके लिए किसी सरकारी राशन से खरीदने का निर्देश नहीं दिया गया है।
ये था सरकारी मैन्यू
सुबह का नाश्ता
-सोमवार- दूध, एक अंडा या दो केले और पोहा
-मंगलवार- दूध, अंडा या केले, मिक्स वेज पकौड़ी
-बुधवार- दूध, अंडा या केले, आले की कचौड़ी
-गुरुवार- दूध , अंडा या केले, नमकीन दलिया
-शुक्रवार- दूध, अंडा या केले, चने की घुघरी
-शनिवार- दूध अंडा या केले, पूड़ी सब्जी
-रविवार- दूध, अंडा या केले, अनाज मीठा, दलिया
दोपहर का भोजन
-सोमवार- अरहर की दाल, रोटी, सूखी सब्जी, चावल, सलाद, रायता
-मंगलवार- मूंग की दाल, रोटी, सूखी सब्जी, चावल, सलाद, रायता
-बुधवार- चने की दाल, कढ़ी रोटी, सूखी सब्जी, चावल सलाद, रायता
-गुरुवार- उड़द की दाल, रोटी, सूखी सब्जी, चावल, सलाद, रायता
-शुक्रवार- मसूर की दाल, रोटी, सूखी सब्जी, चावल, सलाद, रायता
-शनिवार- मिक्स दाल, रोटी, सूखी, सब्जी, चावल, रायता, सलाद
-रविवार- काबुली चने, भटूरे, बूंदी का रायता, सलाद, गुलाब जामुन
शाम का नाश्ता
-सोमवार- चाय व प्याज पकौड़े गुड़ -मंगलवार- चाय, लाई एवं, भूने चने, गुड़
-बुधवार- चाय, फलों की चाट, गुड़
-गुरुवार- चाय मिक्स वेज पकौड़े, गुड़
-शुक्रवार- चाय, बिस्किट, नमकीन, गुड़
-शनिवार- चाय, फलों की चाट, गुड़
-रविवार- चाय, सफेद व हरी मटर की चाट, गुड़
रात्रि का भोजन
-सोमवार- रोटी, सूखी सब्जी, मिक्स दाल, चावल, खीर
-मंगलवार- रोटी, सूखी सब्जी, मिक्स दाल, चावल व पेठा
-बुधवार- रोटी, सूखी सब्जी, मिक्स दाल, चावल, सेवई
-गुरुवार- रोटी, सूखी सब्जी, मिक्स दाल, चावल, खीर
-शुक्रवार- रोटी, सूखी सब्जी, मिक्स दाल, चावल, पेठा
-शनिवार- रोटी, मिक्स दाल, सूखी सब्जी, चावल, सेंवई
-रविवार- राजमा, मिक्स वेज, मिक्स दाल, चावल रोटी, सेवई
नहीं मिल रहा है पूरा खाना
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की लाडली के अनुसार उन्हें मैन्यू के अनुसार पूरा खाना नहीं मिल रहा है। बालिकाओं के अनुसार उन्हें दो सौ ग्राम की जगह सौ ग्राम ही दूध मिलता है। कभी-कभार तो वो भी नहीं मिलता। महीने के पहले दिन उन्हें किसी भी तरह की स्पेशल डिश जैसे चाउमीन, बर्गर, टिक्की, पाव भाजी नहीं मिली है। शाम को उन्हें गुड़ नहीं दिया जाता है। विद्यालय में मौसमी फल भी नहीं दिए जाते हैं, केवल केला ही दिया जाता है। आलू की कचौड़ी भी उन्हें भोजन में नहीं दी जाती है।
खोली सरकारी योजना की पोल
हमें दूध कम मिलता है, चाऊमीन भी नहीं मिली है। इसके अलावा यहां पर गुड़ भी नहीं मिल पाता है। मैन्यू के अनुसार कई चीजें नहीं मिलती हैं।
अंजली, क्लास सिक्स स्टूडेंट
हमें कभी-कभी फलों की चाट और गुड़ नहीं मिलता है। कुछ चीजें ऐसी है जो हमें नहीं दी जाती है। कभी कभार तो आलू की कचौड़ी भी नहीं मिलती है।
अकांक्षा, क्लास सिक्स स्टूडेंट
खाने में खीर नहीं मिलती है यहां पर गुड़ भी नहीं मिलता है। दही नहीं मिलती है और दूध भी बहुत कम दिया जाता है।
महक, क्लास एट स्टूडेंट
हमें खाने में दही और सेवई नहीं मिलती है। दूध भी कम ही मिलता है। गुड़ और स्पेशल डिश नहीं मिल पाती है।
ज्योति, क्लास एट स्टूडेंट
चावल, रोटी, दाल तो मिलती है। लेकिन दूध और दही व सेवई मिलने में दिक्कत आती है। गुड़ भी बस पहले ही दिन मिला था।
रेशमा, क्लास सेवन स्टूडेंट
इस संबंध में बैठक रखी है, जनवरी के फर्स्ट वीक में बैठक का आयोजन किया गया है। उसके बाद ही स्कूल में मैन्यू को लेकर निर्देश मिलेंगे। बाकी कोशिश की जाती है जो भी हो सके बालिकाओं को मैन्यू के अनुसार दिया जा सकें
प्रियंका, वार्डन, पूर्वा अहिरान, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय
बजट को लेकर बैठक होने वाली है, जल्द ही बैठक कर इस बारे में सभी विद्यालयों से बात की जाएगी।
मोहम्मद इकबाल, बीएसए