ALLAHABAD: नरौरा और टिहरी का पानी आने से पहले ही गंगा में तेज कटाने में माघमेला सकुशल सम्पन्न कराने की तैयारी में जुटे प्रशासन को तगड़ा झटका दिया है। संगम के सरकुलेटिंग एरिया को बेहतर बनाने के लिए गंगा की धारा से एक नई यूनिट निकाली गई है। इस पर राष्ट्रपति के आगमन से पहले दस दिन तक काम चला और करीब बीस लाख रुपये खर्च किए गए। यह मामला उलटा पड़ गया है। गंगा की मुख्य धारा झूंसी की ओर से बह रही है। ऐसे में धारा से छेड़छाड़ किए जाने पर प्रवाह झूंसी की ओर ज्यादा हो गया, जिससे कटान शुरू हो गया। बता दें कि माघमेला के दौरान अविरल-निर्मल गंगा के लिए नरोरा से चार हजार तथा टिहरी से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है। यह पानी भी जल्द यहां पहुंचना शुरू हो जाएगा।

सात जिलों में डीएम रह चुके हैं विजय

कुंभ मेलाधिकारी बनाए गए विजय किरन आनंद वर्ष 2009 बैच के आइएएस अफसर हैं। बंगलुरू के मूल निवासी विजय चार्टर्ड एकाउंटेंट रहे हैं। वह मैनपुरी, उन्नाव, फिरोजाबाद, बिजनौर, शाहजहांपुर, वाराणसी व एटा में डीएम भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह निदेशक पंचायतीराज भी रहे हैं। यहां आने के पहले वह स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के निदेशक रहे।

एनसीआर एजीएम देखेंगे कुंभ के काम

2019 में होने वाले कुंभ के लिए रेलवे की तैयारियों को और रफ्तार देने एवं तीनों जोन में बेहतर समन्वय बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने एनसीआर के अपर महाप्रबंधक अरुण मलिक को नोडल अधिकारी बनाया है। कुंभ को लेकर उत्तर मध्य रेलवे में इलाहाबाद जंक्शन, सूबेदारगंज टर्मिनल, इलाहाबाद छिवकी स्टेशन, नैनी स्टेशन, उत्तर रेलवे (एनआर) में प्रयाग जंक्शन, प्रयागघाट टर्मिनल और पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) इलाहाबाद सिटी स्टेशन, झूंसी और दारागंज में यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए काम चल रहा है। तीन रेलवे जोन द्वारा कुंभ के लिए निर्माण कार्य कराए जाने के कारण आपस में समन्वय बनाने में परेशानी आ रही है। पिछले महीने चेयरमैन रेलवे बोर्ड (सीआरबी) अश्‌िर्र्वनी लोहानी जब कुंभ की तैयारियों को लेकर निरीक्षण करने आए थे, तब उन्होंने तीनों जोन में समन्वय को लेकर कमी देखी थी। उन्होंने तीनों जोन के महाप्रबंधक को निर्देश दिया था कि कुंभ को लेकर चल रहे सभी निर्माण कार्यो को तेज किया जाना चाहिए।