- बिशप मंडल में देर रात तक शेर, कविता और गजल से सराबोर रहे श्रोता

- देश के फेम शायरों की रचनाओं पर लगे ठहाके, वाहवाही से गूंज उठा शहर

BAREILLY:

दैनिक जागरण के 28वें स्थापना दिवस के मौके पर बिशप मंडल ट्यूजडे को ठहाकों से सराबोर रहा। हजारों की तादाद में मौजूद शहरवासियों ने देश के नामचीन कवियों और शायरों को तहे दिल से खैरमकदम किया। वहीं, मंच पर मौजूद सम्मेलन की शान रहे फनकारों ने भी अपनी रचानाएं सुनाकर मौजूद श्रोताओं का दिल जीतने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। कार्यक्रम के दौरान दैनिक जागरण के प्रबंधक मुदित चतुर्वेदी, न्यूज एडिटर धर्मेद्र त्रिपाठी, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एडिटोरियल इंचार्ज राजकुमार शर्मा समेत पुलिस-प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

रचनाकारों ने लूटी वाहवाही

मंच पर कवियों और शायरों ने शहरवासियों को गुदगुदाने के साथ ही उन्हें वीर, ओज, श्रृंगार व अन्य रचनाएं देशभक्ति और मानवीय संवेदनाओं से लबरेज कर दिया। शुरुआत फेम हास्य व्यंग्य कवि अशोक चक्रधर ने अपनी चिर परिचित शैली के जरिए संचालन से की। उन्होंने मंच से आवाज दी कि 'मुंहदेखी मुझसे नहीं कही जाती है, कोई दूरी मुझसे नहीं देखी जाती है' से की। उन्होंने मंच से शायर और कवियों का परिचय उन्हीं के अंदाज में शहरवासियों से करवाया, जिसे सुनकर कभी जोश तो कभी हास्य तो कभी ओज और देश प्रेम में लोग पहले ही आकंठ तक डूब जाते थे।

और बही कविता शायरी की बयार

इसके बाद हास्य व्यंग्य कवि और शायर दिनेश बावरा ने 'दूध को दूध पानी को पानी कहूं, जरा सा साथ दो तो दुनिया की कहानी कहूं' सुनाया तो मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से सराबोर हो उठा। फिर ओज रस के कवि योगेंद्र शर्मा ने मंच संभाला। उन्होंने 'अगर सियासी रंग न होता संविधान की वर्दी पर' सुनाया तो लोग भारत मां के जयकारे लगे। इसके बाद तो फिर जैसे मंच लहरों की तरह बह चला। मंच पर एक के बाद एक कवियों और शायरों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इसमें कुंवर बेचैन, डॉ। सुनील जोगी, डॉ। विष्णु सक्सेना, डॉ। नवाज देवबंदी ने अपने अशरार पेश किए।

हुए सम्मानित

जिला विज्ञान क्लब बरेली के जिला समन्वयक और राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता डॉ। रवि प्रकाश शर्मा को रूहेलखंड गौरव के सम्मान से नवाजा गया।

कवियों से बातचीत

- कवि अशोक चक्रधर ने कहा कि जिस दौर से देश गुजर रहा है कि मोदी जी का हर तरह से सहयोग किया। परिणाम दिखने चाहिए। जिनका सकारात्मक दृष्टिकोण अभी तक बना है, लेकिन काम होगा तो नाम होगा। लोगों को पीएम से काफी आशाएं हैं क्योंकि पीएम मोदी सेल्फी खिंचवाने वाले सेल्फलेस आदमी हैं।

- कवि सुनील जोगी ने कहा कि देश में तमाम सत्ता परिवर्तन के बावजूद सुधार नहीं हो रहा। गरीबी बेरोजगारी यथावत है। आजादी के बावजूद ¨हदी राष्ट्रभाषा नहीं बनी। ¨हदू-मुस्लिम के नाम पर झगड़ा करवाया जाता है। यह सब बात कचोटती है। बुलेट ट्रेन से पहले देश में चल रही ट्रेनें पटरी पर लाने की जरूरत है।

- कवि योगेंद्र शर्मा ने कहा कि शहीदों की गाथाओं के प्रति युवाओं की उदासीनता उन्हें परेशान करती है। पाठ्यक्रम में शहीदों की जीवनी का अभाव है। मोबाइल, नेट की व्यस्तताओं में युवा अपना इतिहास भूल रहे हैं। वैधानिक उच्चस्थ पद पर बैठा व्यक्ति पदच्युत होने के बाद कहता है कि देश में डर लगता है।