- आरयू के स्थापना दिवस पर शब्द संध्या का आयोजन

- पुलवामा में हुई घटना कलमवीरों ने शाब्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की

: आरयू के स्थापना दिवस पर शब्द संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें पुलवामा में हुई घटना कलमवीरों ने शाब्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की।

काव्य पाठ का हुआ आयोजन

जय कुमार रुसवा ने काव्य पाठ करते हुए गांव वालों ने सोचा समाज की सेवा के लिए, चन्दा जमा कर के भवन बनवाएंगेरचना प्रस्तुत की। हरेश चतुर्वेदी ने पांच सौ का नोट बोला एक हजार के नोट से, अबे हजार के न मन्दिर के रहे न मजार केरचना से तंज कसा। मंजू गोविंद ने मिले उल्फत तुम्हारी तो अदाएं मुस्कुराएंगी, बने किस्मत हमारी तो फिजाएं मुस्कुराएंगी। कविता प्रस्तुत की। सिद्धार्थ मिश्रा ने जिसे है प्यार भारत से वो नफरत बो नहीं सकता, सभ्यताओं को संस्कृतियों को भारत खो नहीं सकतारचना से देशप्रेम की अलख जगाई। कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए डॉ। राहुल अवस्थी ने पुलवामा आतंकी हमले पर प्रहार किया। कहा, बादल में सूरज छिपने से सांझ नहीं हो जाती है, पुत्र शहादत दें तो माता बांझ नहीं हो जाती है, अब मोदीजी ये काम करो, काश्मीर सेना को दो, तुम घर बैठो, आराम करोरचना प्रस्तुत कर देशभक्ति का जोश भरा। कवि सम्मेलन में कोलकाता से जयकुमार रुसवा, कमलेश मौर्य मृदु, हरेश चतुर्वेदी, मंजु गोविंद, सचिन अग्रवाल, फहमी बरेलवी, आदित्य प्रकाश, सिद्धार्थ मिश्रा ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। अमित शर्मा मीत, डॉ अजय यादव, मुनीन्द्र कुमार डॉ। सुनीत शुक्ल, आशुतोष प्रिय, डॉ। आभा त्रिवेदी, मुकेश झा, राजू आदि मौजूद रहे।