चिड़ियाघर में पशु विशेषज्ञ स्वेत्लाना पिलयुक ने मीडिया को बताया कि ये जानवरों को नशा कराने का मामला नहीं है बल्कि उन्हें शांत करने के लिए किया गया। इस काड़े में पहले रेड वाइन में गरम पानी घोला जाता है और उसमें चीनी और फल मिलाए जाते हैं।

पशु विशेषज्ञ स्वेत्लाना ने कहा है कि ऐसा करना चिड़ियाघरों में आम बात है लेकिन लंदन चिड़ियाघर से जुड़े लोगों के मुताबिक ये सही नहीं है।

सही क़दम?

ज़ूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ लंदन की प्रवक्ता ऐमा एडवडर्स के मुताबिक जानवरों को किसी भी प्रकार की शराब नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे ख़ून का तापमान कम हो जाता है।

एक वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे बंदरों को केतली से वाइन से बना काढ़ा पिलाया गया और पीछे से कोई बोल रहा हैपीओ, पीओ, पीओ हालांकि एएफ़पी के मुताबिक गर्भवती पशुओं और छोटे बंदरों को ये पदार्थ नहीं पिलाया गया।

1930 से चले आ रहे करगंडा चिड़ियाघर में पशुओं की करीब 160 प्रजातियाँ रहती हैं जिनमें से कई लुप्त होने की कगार पर हैं। यहाँ लंबे समय से पैसे को लेकर समस्या चल रही है। पिछले कुछ सालों में पैसे जुटाने के लिए जानवरों का ब्यूटी कॉन्टेस्ट भी रखा गया था।

 

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