-फायर स्टेशन के लिए एयरफोर्स की भी जमीन दे दी केडीए ने

-एयरफोर्स के ऑब्जेक्शन के कारण रूका फायर स्टेशन का कंस्ट्रक्शन

-जमीन विवाद सुलझाने के लिए फायर और कंस्ट्रक्शन एजेंसी के ऑफिसर लगा रहे केडीए के चक्कर

KANPUR: आग लगने की बढ़ती घटनाओं और सिटी के विस्तार के चलते लंबे समय से सिटी में 3 फायर स्टेशन बनाए जाने की मांग हो रही है। जैसे-तैसे इनमें एक फायर स्टेशन पास भी हुआ। लेकिन ये फायर स्टेशन भी केडीए की लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। इस फायर स्टेशन के लिए बजट पास होने, पैसा रिलीज होने के बावजूद जमीन विवाद के कारण कंस्ट्रक्शन नहीं हो पा रहा है। ये जमीन केडीए ने फायर स्टेशन के लिए फायर डिर्पामेंट को दी है। जिस पर एयरफोर्स के आपत्ति जताने के बाद फायर स्टेशन के कंस्ट्रक्शन का काम रूका हुआ है और फायर ऑफिसर व कंस्ट्रक्शन की जिम्मेदारी संभाले इंजीनियर केडीए के चक्कर लगा रहे हैं।

दो करोड़ मिले

आग की लगातार घटनाओं के बाद सिटी में किदवई नगर, जाजमऊ और पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में करीब एक दशक से फायर स्टेशन बनाने की मांग हो रही है। जिससे कि दमकल गाडि़यां जल्दी से मौके पर पहुंच जाए और जानमाल के नुकसान को रोका जा सके। लेकिन फिलहाल जाजमऊ एरिया में दो यूनिट का फायर स्टेशन बनाने की शासन ने हरी झंडी दी है। शायद इसकी वजह जाजमऊ में टेनरीज, केमिकल स्टोर व रुमा में इडस्ट्रीज आदि महत्वपूर्ण प्लेस हैं। फायर स्टेशन ऑफिसर एसएन सिंह के मुताबिक केडीए ने फायर स्टेशन के लिए ग्राम चकेरी में 6048 स्क्वॉयर मीटर जमीन दी है। शासन ने फायर स्टेशन के लिए 3.98 करोड़ का बजट पास किया है। इसके लिए कार्यदायी एजेंसी समाज कल्याण निगम को 1.98 करोड़ रूपए भी रिलीज कर दिए। जिसमें ऑफिस बिल्डिंग, गाडि़यों को खड़ी करने के स्पेस और फायर इम्प्लाइज के घर भी बनाए जाने आदि वर्क शामिल हैं।

ये जमीन हमारी है

समाज कल्याण निगम ने फायर स्टेशन बनाने के लिए बाउन्ड्रीवाल बनाना शुरू किया था। तभी अड़ंगा लग गया। समाज कल्याण निगम के एक्सईएन वाईपी सिंह ने बताया कि फायर स्टेशन के लिए जमीन पर एयरफोर्स ने दावा किया है। उनकी आपत्ति के कारण ही बाउंड्रीवाल का काम रोकना पड़ा। अब जब तक केडीए इस विवाद को सुलझा कर जमीन नहीं दे देती है। तब तक काम शुरू किया जाना मुश्किल है।

लगाते रहो चक्कर

अब इस विवाद को सुलझाने के लिए फायर ऑफिसर केडीए के चक्कर लगा रहे है। फायर स्टेशन ऑफिसर एसएन सिंह ने कहा कि फ्राईडे और सैटरडे को भी केडीए गए थे। जिससे कि केडीए जल्द से जल्द सीमांकन करके ये विवाद सुलझा दे। लेकिन दोनों ही दिन उन्हें निराशा हाथ लगी। ज्यादातर ऑफिसर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की जमीन पर कब्जा लेने के लिए पनकी भव सिंह गए थे। उनके पास निराश होकर लौटने के अलावा और कोई चारा भी नहीं था। एसएन सिंह ने बताया कि जब तक जमीन का सीमांकन कर भूमि नहीं दी जाती है, तब तक फायर स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है।

कैंट से चल रहा जाजमऊ स्टेशन

जाजमऊ फायर स्टेशन ना बन पाने के कारण फिलहाल मीरपुर कैंट से ये फायर स्टेशन चल रहा है। कैंट फायर स्टेशन के पीछे बने खस्ताहाल बिल्डिंग से ये फायर स्टेशन संचालित हो रहा है। यही पर फायर स्टेशन ऑफिसर का ऑफिस है। जाजमऊ, चकेरी, रूमा या महाराजपुर साइड आग की कोई घटना होने पर इसी फायर स्टेशन से फायर ऑफिसर व इम्प्लाई जाते हैं। जबकि रामादेवी-जाजमऊ हाइवे पर लगभग हर समय जबरदस्त जाम लगा रहता है। जिसके कारण काफी समय बर्बाद होता है। इस बीच आग की लपटें भयावह रूप ले लेती है।

फायर स्टेशन के लिए मिली जमीन पर एयरफोर्स ने दावा किया। उनके ऑब्जेक्शन के कारण बाउन्ड्रीवाल का काम शुरू नहीं हो पाया है। केडीए अभी तक मामला सुलझा नहीं सकी है। ना ही दूसरी कोई जमीन दी है।

- वाईपी सिंह, एक्सईएन समाज कल्याण निगम

ग्राम चकेरी में फायर स्टेशन के लिए बजट पास हो चुका है। भ्0 परसेंट धनराशि कार्यदायी एजेंसी समाज कल्याण विभाग को मिल चुकी है। लेकिन केडीए के सीमांकन ना करने के कारण फायर स्टेशन नहीं बन पा रहा है।

- एसएन सिंह, फायर स्टेशन ऑफिसर जाजमऊ

-फायर स्टेशन के लिए जो जमीन दी गई थी, उसमें वायुसेना की कुछ जमीन आ गई थी। इसका सर्वे कराकर रिवाइज प्लान बनाया जा रहा है। जल्द ही साइट प्लान बनाकर दे दिया जाएगा। - एसके श्रीवास्तव, संपत्ति प्रभारी केडीए