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DEHRADUN: केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार पैदल मार्ग पर विशाल ग्लेशियर्स के दीदार का मौका मिलेगा. हालांकि, ये ग्लेशियर श्रद्धालुओं की परेशानी का भी कारण बने सकते हैं. गौरीकुंड से केदारनाथ तक करीब 14 किलोमीटर के पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से केदारपुरी तक 5 बड़े ग्लेशियर हैं. इनमें से कुछ की ऊंचाई 15 फीट तक है.

 

ग्लेशियर पिघलने से परेशानी

लिनचौली से केदारपुरी के बीच एक ग्लेशियर की ऊंचाई करीब 15 फीट तक है. ऐसे में ग्लेशियर को काट कर बीच से रास्ता तैयार किया गया है. गर्मी के कारण ग्लेशियर लगातार पिघल रहा है और मार्ग में कीचड़ हो रही है, ये श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

 

पीडब्ल्यूडी के वर्कर ग्लेशियर पर तैनात

ग्लेशियर पिघलने और टूटने से पैदल मार्ग पर कीचड़ हो रही है. यहां बर्फ हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी के वर्कर काम पर लगाए गए हैं. हर ग्लेशियर पर पीडब्ल्यूडी के वर्कर्स की टुकड़ी तैनात की गई है.

 

फिलहाल लिनचौली में रुकने की व्यवस्था

केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा के ऊपर लिनचौली में ही फिलहाल श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था है. यहां फिलहाल 100 से 120 तीर्थयात्रियों के रुकने की व्यवस्था की गई है. यहां और तीर्थयात्रियों की रुकने की व्यवस्था की जा रही है. इसके बाद बेस कैंप और फिर केदारपुरी में श्रद्धालु नाइट हॉल्ट कर पाएंगे. कुल मिलाकर फिलहाल 6000 लोग केदारनाथ धाम में एक दिन में रुक पाएंगे.

 

भव्य तरीके से सजाया गया मंदिर

कपाटोद्घाटन के लिए केदारनाथ मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है. मंदिर परिसर से पहले ही बर्फ हटा दी गई थी. मंदिर कार्यालय भी दुरुस्त कर दिया गया है. बुधवार देर शाम तक सैकड़ों तीर्थयात्री भी कपाट खुलने की प्रक्रिया से रूबरू होने केदारपुरी पहुंच चुके हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और एसडीआरएफ की टीम जगह-जगह तैनात की गई है. प्रशासन और पुलिस के उच्चाधिकारी भी केदारनाथ धाम पहुंच चुक हैं.