- हर महीने किए गए लेन-देन की स्कूलों को केविएस को देनी होगी रिपोर्ट

- केविएस ने सभी स्कूलों को जारी किया सुर्कलर

DEHRADUN: केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े सभी स्कूलों को अब डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए ही सारा लेन-देन करना होगा। स्कूलों को लेन-देन का ब्योरा हर महीने भेजना केवीएस को भेजना होगा। इसके लिए हर महीने की तीन तारीख से पहले ब्योरा भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

कैशलेस पॉलिसी लागू

पीएम मोदी की कैशलेस इकोनॉमी की पहल को अब स्कूलों ने अपनाना शुरू कर दिया है। लगभग सभी स्कूल बोर्ड से लेकर यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों ने कैशलेस फीस जमा करने की व्यवस्था अपने यहां शुरू कर दी है। स्कूलों में यह व्यवस्था एक जनवरी से ही लागू कर दी गई थी। स्कूलों को फीस जमा करने के तरीकों में बदलाव करने के साथ ही परीक्षा फीस, अन्य मदों में होने वाला लेनदेन भी स्कूल को डेबिट कार्ड या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने भी अपने सभी केंद्रीय विद्यालयों को पूरी तरह से कैशलेस पॉलिसी अपनाने के निर्देश दिए थे। स्कूलों में यह व्यवस्था लागू भी कर दी गई है। लेकिन अब भारत सरकार के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन यानि कैशलेस पॉलिसी को और प्रभावी बनाने के लिए केवीएस ने खास व्यवस्था की है। केविएस के ज्वाइंट कमिश्नर एम अरुमुगम ने सभी स्कूलों को सर्कुलर भी जारी कर दिया है। पत्र में मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देशों की भी जानकारी दी गई है, जिसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के साथ ही ट्रांजेक्शंस की मंथली रिपोर्ट भी भेजने को कहा गया है। स्कूलों के दिशा निर्देशन के लिए केविएस की ओर से बाकायदा परफोर्मा भी भेजा गया है, जिसमें पेंशन फंड, मुख्य अकाउंट फंड, स्कूल फंड, स्काउट एंड गाइड अकाउंट, स्पो‌र्ट्स आदि सभी प्रकार की ट्रांजेक्शन की जानकारी देनी होगी। केंद्रीय विद्यालय हाथीबड़कला नंबर क् के प्रधानाचार्य डॉ। इंद्रजीत सिंह ने बताया कि स्कूलों द्वारा एक महीने में कितना लेनदेन किस-किस मद में किया गया और उसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को कितना इस्तेमाल किया। इसकी जानकारी केविएस को देनी होगी।