ऐसी है जानकारी
बताया जा रहा है कि किताब के अनावरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे प्रमुख स्वामीजी के प्रतिनिधि ब्रह्मा विहारी दास। इनके बारे में ये बात बताई गई है कि ब्रह्मा विहारी दास महिलाओं के साथ मंच को साझा नहीं करते हैं। ऐसे में आयोजकों ने लेखिका को मंच पर आने से मना कर दिया। इसके बाद कार्ता ने फेसबुक पर इस मुद्दे को जोर-शोर के साथ उठा दिया।

कार्ता ने लिखा अपनी पोस्ट पर
इसको लेकर उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि प्रकाशक 'करंट बुक्स त्रिचूर' ने उन्हें मंच से दूर रहने की सलाह दी। इस वजह से वह इस मौके पर नहीं जा रही हैं। उनके द्वारा किए गए इस पोस्ट के वायरल होते ही कई महिलाएं और युवा मार्च निकालते हुए कार्यक्रम स्थल पर भी पहुंच गए। आखिरकार किताब की लांचिंग भी टल गई।

कहा, अनुवादकों को नहीं करते आमंत्रित
इस पूरे मामले को लेकर करंट बुक्स पब्लिशर्स के प्रकाशक प्रबंधक केजे जॉनी ने बताया कि स्वामी ब्रह्मा विहारी दास कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। इसके साथ ही ये बात भी पूरी तरह से स्पष्ट है कि किताब के अनावरण के मौके पर वे सामान्यतया अनुवादकों को आमंत्रित नहीं करते हैं। इन सब बातों को लेकर विवाद खड़ा हो गया और फाइनली किताब की लॉन्चिंग को टाल दिया गया।

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