- केसर गंज तिराहे पर नहीं खड़ा होता ट्रैफिक पुलिस का जवान

- आसपास की दुकानों के कारण सीमित हो गई है सड़क

Meerut : केसर गंज तिराहे का सिटी में अपना एक अलग महत्व है। इस तिराहे की एक सड़क नगर निगम कार्यालय की ओर जाती है। ऐसे में उस रोड का इस्तेमाल सिटी के सिविलियन बहुतायात में करते हैं। तो हल्का-फुल्का जाम भी लाजिमी है, लेकिन ऐसा जाम जब पब्लिक को घंटों तक खड़ा रहना पड़े तो बात थोड़ी बड़ी हो जाती है। आखिर इस ट्रैफिक जाम के क्या कारण हैं? इस पर कैसे कंट्रोल पाया जा सकता है? आइए आपको भी बताते हैं

ट्रक सबसे बड़ी मुसीबत

लोकल दुकानदारों की मानें तो यहां ट्रैफिक प्रॉब्लम का सबसे बड़ा कारण मंडी गेट से ट्रकों का आना-जाना है। सबसे बड़ी बात ये है कि सिटी में दिन में हैवी व्हीकल बैन हैं। इसके बावजूद सिटी के इतने अंदर तक उनकी एंट्री कैसे हो जाती है। जब वो गेट से बाहर निकलते हैं और फिर अंदर जाते हैं तो दोनों ओर ट्रैफिक पूरी तरह से थम जाता है। इससे इस तिराहे की पूरी व्यवस्था चरमरा जाती है।

पुलिस वाला कोई नहीं

ताज्जुब की बात तो ये है केसर गंज चौकी होने के बाद भी यहां की ट्रैफिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया है। लोकल लोगों की मानें तो अगर यहां पर एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात हो जाए तो पूरी व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी, लेकिन कई बार कहने के बाद भी ऐसा नहीं हो सका है। वैसे जब से डिवाइडर बना है तब से थोड़ा सुधार हुआ है। फिर अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या हो ही जाती है।

सड़क पर इंक्रोचमेंट

वैसे इस बारे में कोई लोकल आदमी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। फिर वहां की हालत देखकर साफ लगता है कि दुकानदारों ने सड़क का काफी इंक्रोचमेंट किया हुआ है। इस इंक्रोचमेंट को हटाने के लिए काफी कम प्रयास हुए हैं। दुकानदारों की मानें तो अपनी दुकानों के बाहर अपनी व्हीकल खड़ी करना तो कोई गलत बात नहीं है, जिन्होंने ज्यादा इंक्रोचमेंट किया हुआ है उनपर कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। ताकि ट्रैफिक स्मूदली मूव कर सके।

रोड कम चौड़ी

ट्रैफिक व्यवस्था चरमराने का एक कारण इस रोड का काफी कम चौड़ा होना है। एक तो लोगों द्वारा की गई इंक्रोचमेंट की मार दूसरा सड़क का चौड़ीकरण न होना दोनों ही कारण से ट्रैफिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। अब जो सड़क के बीच में डिवाइडर बना दिया गया है। जिससे सड़क की चौड़ाई और भी कम हो गई है।

टेंपो और सिटी बस भी

टेंपो और सिटी बसों की मार इस तिराहे को भी झेलनी पड़ रही है। स्थानीय दुकानदार इस बात से काफी परेशान हैं। इस तिराहे पर सिटी बस और टेंपो बेखौफ होकर रोकते और सवारियों को चढ़ाते और उतारते हैं। इन्हें वहां कोई रोकने वाला नहीं है। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त कैसे हो सकती है? इस बारे में प्रशासन को सोचना चाहिए।

तीनों ओर से बिना रुके ट्रैफिक

ट्रैफिक व्यवस्था के चरमराने का एक और कारण तीनों ओर से आने वाला ट्रैफिक है। ऐसे में वहां बड़ा हादसा होने की काफी संभावना रहती है। क्योंकि नगर निगम से आने वाले ट्रैफिक को इस बात का अंदाजा नहीं होता कि दिल्ली रोड से आने वाला ट्रैफिक सीधा जाएगा या फिर नगर निगम की को टर्न करेगा। कई बार वहां वहां ट्रैफिक के बेतरतीब तरीके से फंस जाने के कारण ट्रैफिक जाम भी लगा है।

पब्लिक ओपिनियन

जब से डिवाइडर बना है तब से ट्रैफिक में थोड़ा सुधार हुआ फिर भी ट्रैफिक जाम अक्सर लग ही जाता है। इसका कोई परमानेंट इलाज होना काफी जरूरी है।

- विवेक रस्तोगी

यहां जब तक कोई ट्रैफिक जब तक पुलिसकर्मी खड़ा नहीं होगा, तब तक ये समस्या खत्म नहीं हो सकती है। टै्रफिक पुलिस प्रशासन को यहां एक परमानेंट ट्रैफिक पुलिसकर्मी या होमगार्ड का आदमी जरूर खड़ा करना चाहिए।

- विकास रस्तोगी

बाकी जगहों की तरह यहां पर भी सिटी बसों और टेंपो के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। जबकि यहां तो सड़क भी काफी कम चौड़ी है। ऐसे में उन्हें खड़ा होना बंद करना चाहिए।

- अवधेश शर्मा

जब यहां से ट्रकों की आवाजाही होता है और ट्रक मंडी गेट से अंदर और बाहर जाते हैं तो ट्रैफिक प्रॉब्लम बढ़ जाती है। प्रशासन को सख्ती से इस बारे में सोचना चाहिए।

- दिलीप जादोन