- बाहर से मंगाई जा रही महंगी दवाएं

- फ्री में देनी होती हैं मरीजों को जीवनरक्षक दवाएं

LUCKNOW: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टर्स गरीबों की दवाओं पर डाका डाल रहे हैं। गरीबों की मुफ्त मिलने वाली दवाएं तो वे अपनी पॉकेट में रखते हैं और इन गरीब मरीजों को हजार-हजार रुपए की दवाएं प्राइवेट मेडिकल स्टोर से लाने को कहा जाता है। यह हाल है केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग का। जहां रेजीडेंट से लेकर जिम्मेदार सीनियर डॉक्टर तक इस खेल में शामिल हैं। सबको इसकी जानकारी है लेकिन सभी 'सुविधाएं' लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

अटेंडेंट को दिया मोबाइल नंबर

संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में भर्ती एक पेशेंट से फ्राइडे को ऐसे डेढ़ हजार रुपए की दवाएं लिखकर सिस्टर ने पर्ची पकड़ा दी। जब मरीज ने पूछा ये दवाएं कहां मिलेंगी तो तुरंत बताया गया कि मेडिकल स्टोर वाला लड़का शाम को आएगा और दवा मिल जाएगी। पेशेंट के अटेंडेंट को उसका मोबाइल नम्बर (9फ्078ख्फ्फ्क्8) भी दिया गया। इस पर फोन करने पर कुछ ही समय बाद सेल्समैन दवा लेकर सामने आ गया। बाद में पता चला कि यहां पर तो हर मरीज के साथ यही किया जाता है। इसलिए कोई शिकायत भी नहीं कर पाता।

सेल्समैन टहलते रहते हैं

यह हाल तब है जब केजीएमयू प्रशासन जनरल वार्ड में भर्ती सभी मरीजों के लिए मुफ्त में दवाएं उपलब्ध कराता है। मगर डॉक्टर कुछ सुविधाएं पाने के एवज में महंगी एंटीबायोटिक दवाएं बाहर से मंगाकर मरीजों को लगाते हैं। यह दवाएं फ्00 रुपए से लेकर दो से ढाई हजार रुपए प्रति वायल तक आती है। विभाग के कर्मचारियों की मानें तो शाम को प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स के सेल्समैन की लाइन लगी रहती है। कर्मचारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा सामान त्रिमूर्ति मेडिकल स्टोर से मंगाई जाती है। त्रिमूर्ति का सेल्स ब्वॉय पप्पू व उसका सहयोगी ख्ब् घंटे वार्ड में उपलब्ध है।

ट्रॉमा का भी यही हाल

ट्रॉमा सेंटर का भी कुछ ऐसा ही हाल है। सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी विभाग और मेडिसिन में इमरजेंसी के समय मरीजों को ख्000 रुपए की एंटीबायोटिक दवाएं बाहर के मेडिकल स्टोर्स से मंगाई जाती हैं। खास बात ये है कि ये दवाएं कैम्पस के अंदर के किसी भी मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती हैं।

फरवरी का फरमान

यह हाल भी तब है जब विभागाध्यक्ष ने फरवरी माह में डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को पत्र लिखकर सभी वा‌र्ड्स में जीवनरक्षक दवाएं और उपकरण की उपलब्धता बनाए रखने के आदेश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि बाहरी लोगों के प्रवेश विभाग में न दिया जाए।