प्रदेश की यूनिवर्सिटीज में भर्ती के नाम पर चल रहा बड़ा खेल----फ्लैग

करोड़ों डकार रहे विश्वद्यिालय--हेड

-भर्ती कैंसिल होने के बाद फीस वापस नहीं करते राज्य विश्वविद्यालय

- शिकायत मिलने पर राज्यपाल ने स्टेट की यूनिवर्सिटीज से मांगा जवाब

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sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: भर्ती का विज्ञापन निकाला, अभ्यर्थियों से फीस भी जमा कराई और बाद में अलग-अलग वजहें बताकर प्रक्रिया ही निरस्त कर दी। सूबे के बेरोजगार युवाओं को नौकरी तो मिली नहीं, उल्टा आवेदन के वक्त जमा फीस से भी हाथ धोना पड़ गया। जी हां, यह गोरखधंधा पिछले कई सालों से सूबे की कई स्टेट यूनिवर्सिटीज में चल रहा है। अभ्यर्थियों के करोड़ों रुपये डकारने वाली यूनिवर्सिटीज से जब राजभवन ने जवाब-तलब किया तो अधिकारियों को पसीना छूटने लगा। जवाब न देने वाली यूनिवर्सिटीज अब राजभवन के राडार पर हैं और जल्द ही उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना तय है।

एक शिकायत से खुला खेल

दरअसल, गत अगस्त माह में राजभवन में शिकायत की गयी कि तमाम यूनिवर्सिटीज में टीचर्स आदि की भर्ती के नाम पर फीस जमा कराई जाती है। टीचर्स और गैरशैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से पांच से दस हजार रुपए फीस तक भी जमा कराई जाती है। तमाम जगह बाद में भर्तियां निरस्त कर दी जाती हैं जिससे अभ्यर्थियों को फीस से भी हाथ धोना पड़ता है। इस तरह प्रदेश की कई यूनिवर्सिटीज अभ्यर्थियों का करोड़ों रुपये डकार चुकी हैं। शिकायत मिलने पर राज्यपाल ने केजीएमयू, एसजीपीजीआई, एकेटीयू, लखनऊ यूनिवर्सिटी सहित सभी 24 यूनिवर्सिटीज से इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बाकायदा बिंदुवार जानकारी भी तलब की है। कुछ यूनिवर्सिटीज ने जवाब भेज दिया है, नहीं भेजने वालों को दोबारा रिमाइंडर भेजा जा रहा है।

केजीएमयू में 359 नर्सो की भ्ार्ती लटकी

बता दें कि पिछले साल केजीएमयू ने 359 स्टाफ नर्स के पदों पर भर्ती निकाली थी। इसमें आवेदन शुल्क प्रति स्टूडेंट जनरल व ओबीसी के लिए 1000 रुपए और एससी, एसटी के लिए 500 रूपए था। 13 सितंबर को इसका रिटन एग्जाम भी हुआ था। जिसमें 7200 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद सरकार ने नर्सिग नियमावली जारी कर दी जिसमें नर्सेज की सेवा शर्ते और सैलरी भी बढ़ा दी गई। शासन की नीतियों के कारण भर्ती में ही अडं़गा लग गया। उसके बाद से न तो भर्ती की गई और ना ही अभ्यर्थियों का पैसा वापस किया गया। इन छात्र छात्राओं का ही लगभग 20 लाख रुपया केजीएमयू प्रशासन ने वापस नहीं किया। भर्तियां कब होंगी, फिलहाल किसी को पता नहीं है।

नहीं भरे गए टीचर्स के पद

राज्य सरकार ने विगत 11 अगस्त 2015 को नोटिस जारी कर केजीएमयू टीचर्स की सैलरी संजय गांधी पीजीआई के समान कर दी। इसके कारण केजीएमयू प्रशासन ने 21.06.2014, 11.02.2015, 20.03.2015, 26.03.2015, 17.04.2015, 02.05.2015 और 26.06.2015 को निकाले भर्ती विज्ञापन को रद्द कर दिया। इससे प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरर व अन्य पदों पर होने वाली भर्तियों को रद करना पड़ा। विभिन्न विभागों में खासी तादाद में होने वाली इन भर्तियों के लिए आवेदकों से पांच हजार रुपये फीस भी जमा करायी गयी थी। आवेदकों को नौकरी की आस में पांच हजार रुपये गंवाने पड़ गये। हैरत की बात यह है कि बाद में केजीएमयू प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू की और फिर सबसे फीस वसूली।

गु्रप सी के 101 पदों का भी नहीं कुछ पता

केजीएमयू ने 101 पदों के लिए केजीएमयू प्रशासन ने भर्ती के लिए 17 सितंबर 2015 को विज्ञापन दिया था। इसमें स्टोर कीपर, एएनएम, हेल्थ एजूकेटर, रिक्रिएशन थेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, विभिन्न टेक्नीशियन, सब ओवरसियर सिविल, अवर अभियंता, लिपिक, हेल्थ विजिटर, लोहार, इलेक्ट्रीशियन, फार्मासिस्ट, सीनियर साइंटिफिक टेक्निकल असिस्टेंट, लेखा लिपिक, डायटीशियन, आशुलिपिक के खाली पदों को भरना था। सबसे एक एक हजार रुपए जमा कराए गए थे। लेकिन अब तक भर्तियां नहीं हो सकी हैं।

पीजीआई में फंसी थी टेक्नीशियन की भर्ती

संजय गांधी पीजीआई में भी टेक्नीशियन के पदों पर भर्तियां रद्द कर दी गई थी। जिनका पैसा वापस नहीं किया जा रहा है। ऐसे ही एकेटीयू में भी कई प्रोफेसर से लेकर कई अन्य पदों पर भर्तियां कैंसिल हो चुकी हैं।

इंटरव्यू हुआ तो वापस नहीं फीस

लखनऊ की एक यूनिवर्सिटी के अधिकारी ने बताया कि अगर भर्तियों के लिए इंटरव्यू हो जाता है तो भर्ती कैंसिल होने पर किसी प्रकार की फीस वापस नहीं हो सकती। चाहे वह टीचर्स, नर्सेज, शोधार्थी, क्लर्क या किसी भी अन्य पदों के लिए हो। स्टेट यूनिवर्सिटीज इसी आधार पर हजारों लोगों के पैसा डकार कर बैठी हैं। इसी वजह से राज्यपाल ने स्पष्टीकरण तलब किया है।

कोट ---

एक शिकायत आई थी। जिसके बाद गवर्नर ने सभी यूनिवर्सिटीज को लेटर जारी कर जवाब तलब किया था। कई यूनिवर्सिटीज जवाब आ गया है जिनका नहीं आया है उनको रिमाइंडर भेजा जा रहा है।

चंद्र प्रकाश, सेक्रेटरी, गवर्नर

कुछ पदों पर भर्ती कैंसिल हुई थी जिनकी जल्द दोबारा भर्ती की जाएगी। अभ्यर्थियों की फीस समायोजित हो जाएगी। जिन अभ्यर्थियों का इंटरव्यू हो जाता है उनकी फीस वापस नहीं की जाती।

-प्रो। रविकांत, वीसी, केजीएमयू

कुलपति महोदय के यहां से पिछले माह पत्र आया था। जल्द ही इसका जवाब भेज दिया जाएगा।

-प्रो। राकेश कपूर, डायरेक्टर, एसजीपीजीआई

राज्यपाल महोदय के यहां से पत्र आया था जिसका जवाब भेज दिया गया है। हमारे यहां जो भी विज्ञापन निकले थे, सभी पर भर्ती हो चुकी है।

राम कुमार, रजिस्ट्रार, लखनऊ यूनिवर्सिटी