-700 से अधिक एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने दिया था एग्जाम

-केजीएमयू ने दिए जांच के आदेश, तीन सदस्यीय कमेटी गठित

एग्जाम के एक दिन पहले ही व्हाट्सएप पर पहुंच गया पेपर

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की ओर से एमबीबीएस सेकेंड ईयर का पेपर लीक होने का मामला सामने आया है। पेपर होने की तारीख से एक दिन पहले ही मेडिकोज को व्हाट्सएप पर मिल गया था। शिकायत मिलते ही केजीमएयू प्रशासन ने सघन जांच के आदेश दिए हैं। यदि पेपर लीक होने की पुष्टि होती है तो केजीएमयू प्रशासन दोबारा एग्जाम कराएगा।

17 फरवरी को था पेपर

केजीएमयू की ओर से सभी संबद्ध मेडिकल कॉलेजों में 18 फरवरी को माइक्रोबायोलॉजी का पेपर कराया गया था। लेकिन राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज में मेडिकोज ने आब्जर्वर डॉ। एचपी सिंह को एक दिन पहले 17 फरवरी को ही मोडिकोज ने व्हाट्स पर पेपर मिलने की जानकारी दी। यह पेपर केजीएमयू, इलाहाबाद, कन्नौज, आजमगढ़, जालौन मेडिकल कॉलेज सहित सभी संबद्ध मेडिकल कॉलेजों में कराया गया था। जिसमें 700 से अधिक एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने पेपर दिया। जबकि एमसीक्यू बेस्ड पेपर को एग्जाम के बाद आंसर सीट के साथ ही जमा कराया जाता है और इसमें पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है।

वीसी ने दिए जांच के आदेश

मामले की जानकारी केजीएमयू के वीसी प्रो। रविकांत को दी गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए वीसी प्रो। रविकांत ने सघन जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए प्रो। अमिता जैन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई है। जिसमें डेंटल के डीन प्रो। शादाब मोहम्मद, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रो। अमिता जैन, फिजियोलॉजी विभाग के डॉ। संदीप भट्टाचार्य हैं। कमेटी को तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

यह होती है सुविधा

केजीएमयू प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार एग्जाम होने के बाद अंसर सीट के साथ क्वेश्चन पेपर भी जमा करा लिया जाता है। बाद में रिजल्ट के साथ सिर्फ आंसर की वेबसाइट अपलोड की जाती है। किसी भी स्टूडेंट को क्वेश्चन पेपर नहीं दिया जाता। केजीएमयू प्रशासन मामले में गंभीरता से जांच कर रहा है। सूत्रों की माने तो मामले के तार कई मेडिकल कॉलेजों तक जुड़े हो सकते हैं। सभी बिंदुओं पर केजीएमयू प्रशासन गहराई से जांच करा रहा है।

आब्जर्वर के पास व्हाट्सएप पर पेपर मिला था। जिसके बाद जांच की जा रही है। रिपोर्ट मिलने पर आगे निर्णय लिया जाएगा।

प्रो। एके सिंह, परीक्षा नियंत्रक, केजीएमयू