गोलमाल के लिए मिनट्स गुलल!

-भर्तियों सहित अन्य मामलों पर केजीएमयू प्रशासन एक बार फिर घेरे में

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LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी एक बार सवालों के घेरे में हैं। केजीएमयू में भर्तियों से लेकर कई अहम मामलों को लेकर बीते दिनों हुई एग्जीक्यूटिव कॉउंसिल के फैसलों में गोलमाल का अंदेशा गहराने लगा है। असल में बड़े और नीतिगत फैसलों के लिए होने वाली ईसी के मिनट्स तक जारी नहीं किए गए। ऐसे में बीते दिनों बड़े पैमाने पर की गई भर्तियों पर भी संकट आने की संभावना है। बता दें कि इस वर्ष कई विभाग बने, ट्रॉमा 2 से लेकर कैंसर संस्थान को शुरू करने का निर्णय हुआ, 100 से ज्यादा फैकल्टी की भर्तियां भी हुई, जिनके लिए ईसी की बैठक में हरी झंडी दी गई थी।

इसलिए अहम है ईसी की बैठक

एक्जीक्यूटिव काउंसिल या कार्य परिषद ही संस्थान की सर्वोच्च बॉडी होती है जो नीतिगत फैसले लेती है। केजीएमयू की ईसी में वीसी प्रो। रविकांत, रजिस्ट्रार, एसजीपीजीआई, एम्स के निदेशक सहित अन्य सदस्य होते हैं। ईसी बैठक में अप्वाइंटमेट्स, एग्जाम्स, बजट, सहित अन्य मामलों में काउंसिल का अप्रूवल अहम होता है। ईसी से मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है। मीटिंग के बाद वीसी और रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर के बाद बैठकों के मिनट्स जारी होते हैं। जिससे सभी को मीटिंग के फैसलों के बारे में जानकारी हो सके। एक के मिनट्स जारी होने के बाद ही अगली मीटिंग होती है। जिसमें पूर्व की मीटिंग के मिनट्स को अप्रूव किया जाता है। कई बार ऐसा कुछ आब्जेक्शन होते हैं, अगर ऐसा हुआ तो अगली ईसी में मामलों को रोका भी जा सकता है। वीसी के प्रपोजल, डिजीसन को भी ईसी की बैठक में रखा जाना अनिवार्य है। लेकिन पिछले साल भर से केजीमएयू में जो कुछ भी चल रहा है उसपर रहस्य का पर्दा पड़ा है।

बिना मिनट्स सब बेकार

इस वर्ष अब तक छह इमरजेंट ईसी, एक जनरल ईसी, एक कोर्ट मीटिंग, एक स्पेशल एकेडमिक काउंसिल मीटिंग हुई हैं। जिनके मिनट्स जारी नहीं हुए। काउंसिल के सदस्यों से लेकर केजीएमयू के अधिकारियों को इनका इंतजार है। मिनट्स जारी होने पर ही इनमें लिए गए निर्णय माने जाएंगे। बिना मिनट्स के इन आदेशों की महत्ता नहीं है।

तो हवा में दी नौकरी

केजीएमयू अधिकारियों के मुताबिक ईसी में कोई डिसीजन हुआ है और मिनट्स जारी नहीं हुए हैं तो उसका कानूनन कोई महत्व नहीं है। इस वर्ष केजीएमयू में 100 से अधिक फैकल्टी के अप्वाइंटमेंट हुए हैं। जिनहें ज्वाइनिंग भी दी जा चुकी है। लेकिन कोई दिक्कत हुई तो इन टीचर्स की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। जिन ईसी में इनकी भर्तियों को हरी झंडी दी गई उनका कोई रिकॉर्ड ही अब तक मौजूद नहीं है। कई बार सवाल उठे कि पदों से अधिक भर्तियां हो गई हैं। लेकिन ईसी की बैठक के मिनट्स न जारी होने के कारण किसी को सही जानकारी नही मिल पा रही है।

पिछली ईसी में उठे थे मसले

गत 8 नवंबर को ईसी की बैठक में कुछ सदस्यों ने इस पर उंगली उठाई थी कि एक के बाद एक ईसी कराई जा रही है लेकिन मिनट्स जारी नहीं किए जा रहे हैं। साथ ही सदस्यों ने इस पर भी आपत्ति लगाई थी कि 24 घंटे पहले ही इसकी जानकारी दी जाती है। जबकि एक हफ्ते पहले एजेंडा सभी सदस्यों को मिल जाना चाहिए।

नहीं हो सकती गड़बड़ी

ईसी की बैठक की रिकॉर्डिग कराई जाती है। मिनट्स में कोई हेरफेर नहीं है। सभी के मिनट्स तैयार हैं और उन पर मेंबर्स के सिग्नेचर होने के बाद जारी कर दिया जाएगा।

प्रो। रविकांत, केजीएमयू के वीसी

इन तारीखों के मिनट्स नही

इमर्जेट ई सी- 1 मई 2015, 18 मई, एक जून, एक अगस्त, 8 नवंबर 2016

जनरल ईसी- 19 मार्च

कोर्ट मीटिंग- 26 मार्च

स्पेशल एकेडमिक काउंसिल मीटिंग- एक जून