- मरीज के इलाज के समय रखें नैतिकता का ख्याल

- न लिखें ब्रांडेड दवाएं, रखें मरीजों का ख्याल

- केजीएमयू प्लास्टिक सर्जरी विभाग का 38वां स्थापना दिवस

LUCKNOW: मरीजों को ब्रांडेड दवाएं लिखने से बचें और जेनेरिक दवाएं ही लिखें। क्योंकि ब्रांडेड दवाएं अपेक्षाकृत महंगी हैं। मेडिकल एथिक्स का पालन करें और नैतिकता और लीगल आस्पेक्ट्स का भी ध्यान रखें। मेडिकल एथिक्स पर डॉक्टर्स को यह जानकारी बंगलौर से आए प्रो। केएस शेखर ने दी। वह प्लास्टिक सर्जरी विभाग के फ्8वें स्थापना दिवस के अवसर पर डॉक्टर्स को सम्बोधित कर रहे थे।

मरीज को इतनी डोज क्यों?

प्रो। शेखर ने बताया कि अमेरिका में जितनी दवा मरीज को देनी होती है, उतनी ही दी जाती है। अगर ज्यादा दवा डॉक्टर ने देने की कोशिश की तो स्टोर्स से तुरंत नोटिस आता है कि एक मरीज को इतनी डोज क्यों? यहां यह व्यवस्था नहीं है तो अपने आप इनका ख्याल रखें और बिना जरूरत के मरीजों को दवा न लिखें।

ताकि समय से इलाज हो सके

प्रो। शेखर ने डॉक्टर्स से कहा कि प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड बच्चे में विकृतियों को जानने के लिए किया जाता है। ताकि कोई विकृति हो तो समय से उसका इलाज शुरू हो सके और ऐसी समस्या हो जिसे ठीक न हो तो फीटस को बाहर कर दिया जाए। लेकिन इसका गलत यूज हो रहा है जिसके कारण पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या बहुत कम हो गई है। कार्यक्रम में वीसी प्रो। रविकांत ने प्रो। केएस शेखर को सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो। एके सिंह, प्रो। विजय कुमार, प्रो। बृजेश मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद थे।