- केजीएमयू विवाद में दोनों पक्षों की गलतियां आ रही सामने

-सोमवार को जांच टीम सौंपेगी इस मामले की रिपोर्ट

LUCKNOW :

विगत दिनों छात्रों और कर्मचारियों के बीच हुई झड़प के बाद केजीएमयू की ओर से गठित जांच कमेटी ने शनिवार को दोनों ही पक्षों के लिखित बयान लिए। दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं। फिलहाल कमेटी ने उनके बयान दर्ज करने के बाद अपनी रिपोर्ट सोमवार तक केजीएमयू प्रशासन को सौंपने की बात कही है।

दोनों ही पक्षों की गलती !

सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने दोनों ही पक्षों की गलती पाई है। जांच टीम ने पाया कि एमबीबीएस छात्र जांच कराने के लिए लाइन में नहीं खड़ा हुआ और जबरन जांच कराने की कोशिश की। यही नहीं झगड़ा होने के अगले दिन वह अन्य छात्रों के साथ मारपीट करने पहुंच गया। दूसरी ओर कर्मचारी भी बार-बार केजीएमयू प्रशासन के अधिकारियों के आग्रह के बावजूद वार्ता के लिए नहीं आए और ट्रॉमा सेंटर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। जांच टीम को पता चला है कि कर्मचारियों वीसी ऑफिस में भी तोड़-फोड़ की है।

सोमवार को सौंपेंगे रिपोर्ट

इन सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए कमेटी सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। जांच कमेटी में प्रो। एसएन शंखवार, डॉ। आशुतोष कुमार, डॉ। जीपी सिंह, प्रो। बीके ओझा, प्रो। अनूप कुमार वर्मा और प्रो। सुजाता देव शामिल हैं।

ट्रॉमा सीएमएस से मांगी रिपोर्ट

केजीएमयू प्रशासन ने गुरुवार को ट्रॉमा सेंटर में कर्मचारियों के प्रदर्शन करने के मामले की रिपोर्ट ट्रॉमा के सीएमएस से मांगी है। जिसमें प्रदर्शन के दौरान मरीजों को दिक्कतें, गेट बंद करने और प्रदर्शन के दौरान सीसीटीवी बंद रखने के कारणों की जानकारी मांगी गई है। गौरतलब है कि प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सीसीटीवी बंद कर दिए थे। जिससे बाद में ये न पता चल सके कि उनके प्रदर्शन के कारण मरीजों को दिक्कत हुई।