- वाइस चांसलर ने जनरल सेक्रेटरी को पद से हटाया

- केजीएमयू में चर्चा का विषय, घोटालों का जल्द हो सकता है खुलासा

LUCKNOW: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय 'केजीएमयू' की सोसाइटी इस समय विवादों में है और संस्थान में चर्चा का विषय है। क्योंकि कुछ दिन पहले ही वीसी प्रो। रविकांत ने संस्था के बनने से लेकर अब तक रहे जनरल सेक्रेटरी प्रो। अब्बास अली मेंहदी को हटा दिया। सूत्रों की मानें तो केजीएमयू के पदाधिकारियों ने इसका निर्माण ही आय के अवैध श्रोत को डेवलप करने लिए किया था। प्राइवेट बॉडी होने के कारण इस पर सूचना का अधिकार भी काम नहीं करता और केजीएमयू प्रशासन का इस पर हाथ भी था, जिसके आधार पर यह अब तक चल रही थी। केजीएमयू में यह चर्चा का विषय है कि जल्द ही इसमें हुए घोटालों के खुलासे होंगे।

नहीं आता आरटीआई के दायरे में

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की यह सोसाइटी आरटीआई के दायरे में भी नहीं आती। अधिकारी इसे एक प्राइवेट संस्था बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। पिछले दस साल से केजीएमयू में खुला खेल चल रहा है। लगभग एक लाख रुपए से शुरू हुई केजीएमयू की यह सोसाइटी का अब सलाना का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है।

नहीं मिलती दवाएं

भले ही केजीएमयू में सस्ती दवाओं के नाम पर मेडिकल स्टोर ओपेन किए गए हैं, लेकिन इन मेडिकल स्टोर्स पर डॉक्टर्स द्वारा लिखी गई ज्यादातर दवाएं नहीं मिलती। जिन दवाओं पर सोसाइटी को ज्यादा फायदा होता है उन्हें ही रखा जाता है और जिन पर फायदा मरीज का है, उन्हें लेने के लिए बाहर भेज दिया जाता है। क्लेम किया जाता है कि भ् से 7भ् परसेंट तक का डिस्काउंट मिलता है, लेकिन असलियत कुछ और ही है। जिसके कारण ही केजीएमयू के बाहर दर्जनों की संख्या में मेडिकल स्टोर्स का धंधा चल रहा है।

जॉब भी दिलाई

यही नहीं केजीएमयू की इस सोसाइटी की बदौलत कैम्पस में बहुत से युवाओं को रोजगार भी मिला। ट्रॉमा से लेकर लगभग हर क्लीनिकल विभाग में सोसाइटी के अपने मेडिकल स्टोर्स संचालित हैं जो चौबीस घंटे चलते हैं जिनमें क्00 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला। लेकिन यही सोसाइटी कुछ लोगों के लिए अवैध रूप से सरकारी नौकरी पाने का भी जरिया बनी। सोसाइटी ने कोर्ट तक को गुमराह किया और कुछ कर्मचारियों को लम्बे समय तक कार्यरत दिखाया। जिसके आधार पर कोर्ट ने कर्मचारियों को परमानेंट करने का आदेश दे दिया।

मेरी जानकारी में सोसाइटी का काम गरीब मरीजों की सहायता करना है। सोसाइटी आगे भी मरीजों के लिए अच्छे स्टेप उठाएगी।

- केके पंत,

सेक्रेटरी, केजीएमयू वेलफेयर सोसाइटी