- न्यूरो सर्जिकल सर्जन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया की सातवीं वार्षिक कान्फ्रेंस

LUCKNOW : हाथों में कंपन की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। यह बीमारी बुढ़ापे में होती है। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को पार्किंसन कहते हैं। अभी तक सिर्फ दवाओं से इसका इलाज हो रहा था लेकिन अब ऑपरेशन से भी इसे ठीक किया जा सकेगा। केजीएमयूम में ऑपरेशन से पार्किंसन के इलाज की सुविधा जल्द शुरू होगी। यह जानकारी केजीएमयू न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव शनिवार को न्यूरो सर्जिकल सर्जन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया की सातवीं वार्षिक कान्फ्रेंस में दी।

कभी कभी दवाएं कम असर करती हैं

डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव ने कहा कि दवाओं से इस बीमारी का इलाज संभव है। कई मरीजों पर दवाएं प्रभावी नहीं होतीं। ऐसी दशा में ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। जल्द ही केजीएमयू में भी यह सुविधा शुरू होगी। न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट ने एस्टीरियो टैक्टिक मशीन लगाने का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है। जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।

ऑपरेशन के बाद कराते रहें जांच

डॉ। सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यदि दिमाग में ट्यूमर का किसी ने ऑपरेशन कराया है तो उसे बाद में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि पांच से 10 प्रतिशत मामलों में ट्यूमर ऑपरेशन के बाद दोबारा पनप सकते हैं। ऑपरेशन के बाद रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी कराने के बाद मरीज संतुष्ट हो जाते हैं कि बीमारी दोबारा नहीं पनप सकती, लेकिन यह धारणा गलत है।

झुककर बैठने से हो रहा कमर दर्द

केजीएमयू न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ। बीके ओझा ने बताया कि झुककर बैठने से रीढ़ संबंधी परेशानी बढ़ गई है। इससे कमर दर्द और सर्वाइकल संबंधी परेशानी हो रही है। अभी तक संपन्न परिवार के लोगों में यह परेशानी देखने को मिल रही थी। अब गरीब भी इसका शिकार बन रहे हैं।