- केजीएमयू ने दी विधान परिषद को रिपोर्ट

- कहा नर्स की लापरवाही से खराब हुई थी दवा

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इंडोक्राइन सर्जरी में नकली दवा की शिकायत के मामले में विधान परिषद ने भी केजीएमयू को तलब किया है। मामले में केजीएमयू ने तीन अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए नामित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने पूरी जिम्मेदारी नर्स पर डालते हुए उसके खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी है।

सीनियर डॉक्टर ने की थी शिकायत

पिछले माह केजीएमयू के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर ने कैल्शियम की टेबलेट की गुणवत्ता पर सवाल उठाया था। डॉक्टर ने कहा था कि कैल्शियम की दवा मरीजों पर असर नहीं कर रही है। जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे। खबर समाचार पत्रों में छपने पर विधान परिषद की कमेटी ने इसे संज्ञान में लिया और केजीएमयू प्रशासन से मामले में जवाब तलब किया। बता दें कि कैल्शियम की यह दवा जी लैबोरेटरीज द्वारा सप्लाई की गई थी।

जांच में मिली खराबी

केजीएमयू की टीम ने इस मामले में जांच की तो सामने आया कि दवा आपूर्तिकर्ता फर्म ने दिसंबर 2016 में केजीएमयू को सप्लाई किया था। पिछले वर्ष मार्च माह में दो हजार टेबलेट केजीएमयू के स्टोर रूम से इंडोक्राइन विभाग को भेजे गए थे। इनमें से 130 टेबलेट घटिया क्वालिटी होने की शिकायत इंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने की थी। केजीएमयू की कमेटी ने जांच में पाया था कि ये दवाएं साल भर से वितरित न किए जाने और नमी के कारण खराब हुई। जिसके लिए समय पर वितरित न करने के लिए स्टाफ नर्स पर सारा दोष मढ़ दिया गया और उसे नोटिस जारी की गई थी। इन दवाओं की सप्लाई के बाद भी विभाग को पांच बार यही दवाएं सप्लाई की गई थी। बता दें कि दवा की मई में ही एक्सपायरी की तारीख थी।

दवा रखरखाव के कारण खराब हुई थी। किसी मरीज को नहीं दी गई। मामले की जांच रिपोर्ट विधान परिषद को दे दी गई है।

- प्रो। एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू