-1000 से ज्यादा मरीजों को दिया इलाज

- 50 से ज्यादा मरीजों की सर्जरी

LUCKNOW: दिन भर में दो से तीन बार बिल्डिंग्स हिलती थी और धरती कांपती थी। टेंट नहीं था इसलिए रात बस में ही गुजारते थे। फिर भी मरीजों का इलाज जारी रहा। कुछ ट्रैकिंग करके मरीजों तक पहुंचे तो कुछ घंटों का दुर्गम पहाडि़यों का सफर करके। पिछले चार पांच दिन केजीएमयू की टीम ने कुछ ऐसे ही नेपाल में मरीजों का इलाज किया। अब जरूरत न होने पर पूरी टीम संडे को लखनऊ के लिए रवाना हो गई।

पहली बार किया अहसास

केजीएमयू के डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि केजीएमयू से ब्भ् डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम नेपाल गई थी। सभी काठमांडू से लगभग ब्भ् किमी। आगे दाधिम जिले में थे। जिला अस्पताल में कुछ सुविधाएं नहीं थी हमारी टीम ने वहां पर लोगों को मदद करनी शुरू की। क्000 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया। ब्0 से ज्यादा लोगों की सर्जरी की गई। इनमें ब् से भ् बड़े ऑपरेशन भ्ीा किए गए। जो भी मरीज अस्पताल पहुंच गया टीम ने सबको बचा लिया। कोई डेथ अस्पताल में नहीं होने पाई।

रोज आता था भूचाल

डॉ। संदीप तिवारी ने बताया कि टीम देर शाम गोरखपुर पहुंच जाएगी। जहां से सोमवार को केजीएमयू पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि पूरी टीम ने जीवन में इतने भूकम्प के झटके महसूस नहीं किए। नेपाल में रोज चार से पांच झटके आ रहे थे। बूम की तेज आवाज आती और और बिल्डिंग्स तक हिलती नजर आती। जिसके कारण सभी लोगों ने राते बस में ही गुजारी। हम अपने साथ टेंट नहीं ले गए थे जिसके कारण बस ही सुरक्षित जगह थी। उन्होंने बताया कि दो टीमों ने रिमोट एरिया में ट्रैकिंग करके पहुंचे और मरीजों को मदद दी। लगातार मेडिकल टीमें वहां पहुंच रही हैं और अब गम्भीर मरीज नहीं आ रहे हैं। जिसके कारण टीम ने वापसी का निर्णय लिया।