हेडिंग- केजीएमयू समेत छह इलाके बनेंगे 'साइलेंस जोन'

- सदन में रखा गया प्रस्ताव, हालांकि चर्चा नहीं हो सकी

LUCKNOW(29 March): शहर में बढ़ते प्रदूषण के ग्राफ को नियंत्रित करने के लिए निगम की ओर से केजीएमयू समेत छह क्षेत्रों को साइलेंस जोन बनाने संबंधी कदम उठाया गया है। गुरुवार को सदन में इस प्रस्ताव को रखा भी गया, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो सकी। इस प्रस्ताव से साफ है कि चयनित क्षेत्रों में फोन से लेकर लाउडस्पीकर का प्रयोग वर्जित रहेगा, ऐसा करना दंडनीय अपराध होगा।

78 तक पहुंचा स्तर

मानकों के अनुसार आमतौर पर ध्वनि का स्तर 70 से 80 डेसीबल के बीच होना चाहिए, लेकिन शहर के अधिकतर रेजिडेंशियल क्षेत्रों में स्तर 78 के पास पहुंच चुका है। कामर्शियल क्षेत्रों में यह 84 डेसीबल के करीब है। इस वजह से स्थिति चिंताजनक है। इसी के चलते नगर निगम की ओर से छह इलाकों को साइलेंस जोन बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

ये क्षेत्र बनेंगे साइलेंस जोन

कालिदास मार्ग, विक्रमादित्य मार्ग, उच्च न्यायालय गोमती नगर, बलरामपुर अस्पताल कैसरबाग, केजीएमयू चौक और डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल गोमती नगर। इन संस्थानों के सौ मीटर के दायरे में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच 50 डेसिबल से ज्यादा शोर करने की अनुमति नहीं होगी। जबकि रात में यह स्तर 40 डेसीबल के अधिक नहीं होना चाहिए।

इन पर रहेगा प्रतिबंध

- लाउडस्पीकर एवं लोक संबोधन प्रणाली

- ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखे

- किसी भी प्रकार का संगीत अथवा ध्वनि यंत्रों का प्रयोग

- भीड़ को आकर्षित करने के लिए संगीत या अन्य प्रदर्शन

- जनरेटर सेट का उपयोग

- प्रेशर हॉर्न या हॉर्न

- ध्वनि उत्सर्जित करने वाली सन्निर्माण मशीनों का उपयोग