खादी ग्रामोद्योग विभाग उप्र के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दी जानकारी

फ्लिपकार्ट, ईबे और स्नैपडील जैसी नामी कंपनियों से हो चुकी बातचीत

प्रदेश के चार हजार से अधिक वित्त पोषित संस्थाओं को मिलेगा लाभ

छह महीने में आनलाइन शॉपिंग शुरू करने का निर्णय

dhruva.shankar@inext.co.in

ALLAHABAD: अगर आप खादी से बने वस्त्र पहनने के शौकीन हैं तो अब दुकान ढूंढ़ने की कोई जरुरत नहीं है। डिजिटल क्रांति के युग में खादी को भी वैश्रि्वक पहचान दिलाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। खादी से बने कुर्ता-पायजामा, हाफ व फुल जैकेट सब घर बैठे आनलाइन शापिंग से उपलब्ध होंगे।

कई कंपनियों से बातचीत

उप्र खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने ई-मार्केटिंग से जुड़ने का निर्णय लिया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसके लिए फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और ईबे के शीर्ष अधिकारियों से दो चक्र की बातचीत हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो छह माह में इन कंपनियों के साथ आनलाइन शापिंग का रास्ता खुल जाएगा।

चार हजार संस्थाओं को लाभ

प्रदेश में चार हजार से अधिक वित्त पोषित संस्थाएं खादी के कारोबार से जुड़ी हैं। कंपनियों से समझौता के बाद तीनों कंपनियां सीधे संस्थाओं में जाएंगी। वहां से खादी के वस्त्रों की डिजाइन की परचेजिंग करेंगी। साथ ही शॉपिंग के मुताबिक संस्थाएं लगातार फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व ईबे से जुड़ी रहेंगी।

आनलाइन शापिंग में तीन वेरायटी

खादी की ई-मार्केटिंग के लिए विभाग ने पूरी रुपरेखा बना ली है। इसके जरिए खादी से बनाए गए ट्रेडिशनल, मॉडर्न और अल्ट्रा मॉडर्न वस्त्रों की डिजाइन को रखा जाएगा। तीनों वेरायटी में चार हजार से अधिक संस्थाओं द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को प्राथमिकता के तौर पर वैश्रि्वक पहचान दिलाई जाएगी।

आनलाइन शापिंग के लिए फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व ईबे के अधिकारियों से बात की गई है। उम्मीद है कि छह माह में खादी ई मार्केटिंग के अस्तित्व में आ जाएगी।

वीएस यादव, उप मुख्य कार्यपालक

अधिकारी, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग