प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने तैयार किया प्रस्ताव, इलाहाबाद में बताई खादी नीति की रूपरेखा

ALLAHABAD: देश के किसी भी राज्य में आज तक खादी को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई है। लेकिन उप्र सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है। यहां पर कारीगरों के विकास और खादी की उपयोगिता को विश्व स्तरीय बनाने के लिए खादी नीति बनाई जाएगी।

इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा की जा चुकी है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। प्रस्ताव को कैबिनेट की अगली बैठक में पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। यह बातें प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने इलाहाबाद में हस्त शिल्प क्राफ्ट मेला का उद्घाटन करने से पहले सर्किट हाउस में कही।

प्रस्ताव में यह है खास

'खादी फॉर फैशन, खादी फॉर नेशन' की तर्ज पर प्रदेश की सभी समितियों व कामगारों का विकास। सोलर ऊर्जा के जरिए खादी का निर्माण कराना व उसकी ब्रांडिंग करना

-खादी पर सब्सिडी की सीमा दस फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करना, जिसमें कामगारों को पांच फीसदी सब्सिडी देना, आधार कार्ड से उनके खातों का लिंक करना। पांच फीसदी बिक्री और पांच फीसदी समितियों के लिए सब्सिडी

-केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने सब्सिडी देने की तर्ज पर प्रदेश में 12 महीनों सब्सिडी देना

पांच लाख का लोन देगी सरकार

सर्किट हाउस में खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने बताया कि रेशम उद्योग, बुनकर व हथकरघा सहित अन्य कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार नए साल से विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू करने जा रही है। इसके लिए जो उद्यमी पांच लाख रुपए तक का काम करना चाहते हैं उन्हें सरकार की ओर से पांच लाख रुपया लोन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कंबल बनाने की आठ फैक्ट्रियां वर्षो से बंद पड़ी है उसमें तीन फैक्ट्रियों को चालू कराने के लिए प्रस्ताव बना लिया गया है।