- जालसाजी और जमीन की धोखाधड़ी के मामलों की विवेचना के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण

- एक ही दरोगा करेगा विवेचना, पता चलेगा वारदातों का ट्रेंड

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अपराध में रोकथाम के साथ ही प्रभावी जांच के लिए जनपद पुलिस जल्द ही नया प्रयोग करने जा रही है। तैयारी है कि खास मामलों की जांच प्रशिक्षित दरोगाओं से कराई जाए। इसके लिए दरोगाओं को कानूनी प्रक्रिया, सीआरपीसी और आईपीसी की पूरी जानकारी दी जाएगी। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने इसकी पहल की है।

एक तरह के मामले एक दरोगा को

वाराणसी में लगभग पांच साल पहले तत्कालीन एसएसपी ने यह प्रयोग किया था। एक तरह के मामलों की विवेचना थाना स्तर पर एक दरोगा को दी जाती थी। इस व्यवस्था में चोरी, वाहन चोरी, महिला अपराध, घरेलू अपराध, गंभीर मामले थाना स्तर पर एक-एक दरोगा के हवाले कर दिए जाते थे। फायदा यह होता था कि एक ही व्यक्ति द्वारा जांच होने पर कई बार मामलों में अपराध का ट्रेंड और मॉडस ऑपरेंडी पकड़ने में आसानी होती थी। हालांकि फोर्स की कमी के कारण यह व्यवस्था ज्यादा दिन नहीं चल सकी।

हो जाएंगे स्पेशलिस्ट

जनपद में फिर विवेचनाओं को अलग करने की तैयारी है। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि फिलहाल जालसाजी, धोखाधड़ी जैसे मामलों की विवेचना एक ही दरोगा से कराई जाएगी। चूंकि यह मामले थोड़े पेचीदा होते हैं इसलिए पहले इन दरोगाओं को पूरा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ऐसे मामलों में पुलिस पर आसानी से आरोप लगा दिए जाते हैं। इस व्यवस्था से एक फायदा यह भी होगा कि दरोगा एक तरह के मामलों की जांच में विशिष्टता हासिल कर सकेंगे।

कई सेल भी हैं

गंभीर मामलों खासकर महिला और बाल अपराध में अलग सेल काफी दिनों से काम कर रही हैं। जनपद के सभी थानों में बाल कल्याण अधिकारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा महिला सम्मान प्रकोष्ठ और महिला अपराध के मामलों में भी कई जांच और निगरानी सेल बनी हुई हैं।

बयान

जालसाजी के मामलों में दरोगाओं को ट्रेनिंग देकर एक थाने में एक दरोगा को सभी विवेचनाएं दी जाएंगी। जरूरत पड़ी तो भविष्य में अन्य मामलों के साथ भी यह व्यवस्था की जा सकती है।

आनंद कुलकर्णी, एसएसपी

फैक्ट फाइल

- 500 से ज्यादा मामले हर महीने धोखाधड़ी के

- इनमें सबसे ज्यादा मामले जमीन विवाद के होते हैं

- कोर्ट के आदेश पर दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या भी अच्छी खासी

- तहसील दिवस और थाना दिवसों पर भी होता है निस्तारण