-अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य समाज के राष्ट्रीय सम्मेलन में एक मत से लिया निर्णय

-पंजीकृत व्यापारियों को सरकारी कर्मचारी की तरह मिले मुफ्त चिकित्सकीय सुविधा

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PRAYAGRAJ: अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य समाज की ओर से रविवार को राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें वैश्य समाज के लोगों तथा व्यापारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अगर 2019 लोक सभा चुनाव के पूर्व यदि केसरवानी वैश्य समाज को आरक्षण नहीं मिला तो चुनाव में वैश्य समाज के लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे। समाज के लोग उस दिन अपने घरों से बाहर भी नहीं निकलेंगे।

आजादी के बाद से हो रहा उत्पीड़न

सम्मेलन के दौरान कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि केसरवानी वैश्य समाज का देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बड़ा हाथ है। अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य समाज के राष्ट्रीय अध्य्क्ष कृष्ण मोहन गुप्ता ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केसरवानी वैश्य समाज के लोगों का आजादी के बाद से ही उत्पीड़न हो रहा है। पहले जब हम कश्मीर में थे तो मुगलों ने उत्पीड़न किया और हमें जबरन इस्लाम कबूल करवाने का प्रयास किया गया। तब हम वहां से जान बचाकर भागे और रिफ्यूजी और खानाबदोशों की तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में जहां-तहां बस गए और छोटे-मोटे रोजगार करके जीविकोपार्जन करना शुरू किया। कालांतर में आरक्षण के दंश के कारण हमारे मेधावी बालक बालिकाओं को हताशा का सामना करना पड़ा हमारे बच्चे 90-95 प्रतिशत अंक प्राप्त करके भी सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर पा रहे हैं। वहीं आरक्षण पाने वाले बालक-बालिकाएं 20 या 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करके सरकारी नौकरी पर कब्जा कर ले रहे हैं। जो हमारे साथ सरासर अन्याय है।

हो रहा उत्पीड़न

हमारा समाज तो पिछड़ा नहीं अति पिछड़ों की श्रेणी में आता है फिर भी सवाल के नाम पर हमारे साथ धोखाधड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में कई दशकों से केसरवानी समाज को आरक्षण प्राप्त है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पूर्व में भाजपा सरकार बसपा और सपा सरकार ने हमें सिर्फ आश्वासन ही दिया। इस मौके पर रामजी केसरवानी ने कहा कि सरकार पंजीकृत व्यापारियों को मुफ्त चिकित्सकीय सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराए। इस प्रस्ताव को सम्मेलन में सर्व सम्मति से पास किया गया। इस मौके पर रजनीश केसरवानी, सुभाष केसरवानी, विजय कुमार केसरवानी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।