RANCHI: 29 जनवरी को खूंटी में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ फर्जी पाए जाने पर दोषी पुलिसकर्मियों की खैर नहीं है। पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच सीआईडी तथा स्पेशल ब्रांच की टीम कर रही है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस की विंग पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद उनलोगों को पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। गौरतलब हो कि 29 जनवरी की अहले सुबह खूंटी के जंगल में सीआरपीएफ और खूंटी पुलिस की टीम ने पीएलएफआई के एरिया कमांडर समेत पांच नक्सलियों को मार गिराया था। उनलोगों से कई उम्दा हथियार भी बरामद किया गया था।

विक्टिम परिवार को सता रहा डर

इधर मुठभेड़ में मारे गए संजय ओडि़या की प्रेमिका और उसके अन्य परिजनों के बीच भय का माहौल बना हुआ है। उन्हें डर है कि कहीं उन्हें पुलिस प्रताड़ना का शिकार न होना पड़े।

सीआरपीएफ टीम पर भी दाग

इस घटना में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन में शामिल 54 जवानों पर भी दाग लग गया है। सूत्र बताते हैं कि अब सीआरएफ पूरी घटना की जिम्मेवार खूंटी में पदस्थापित एक पुलिस अधिकारी को दोषी ठहरा रही है। क्योंकि बताया जा रहा है कि सूचना उसी अधिकारी को मिली थी, जिस पर बटालियन को तैयार किया गया था। जब उपलब्धि की बात सामने आई तो सीआरपीएफ भी इसका श्रेय लेने की होड़ में लगा था, लेकिन संजय ओडि़या के परिजनों के बयान के बाद मामले में सबने चुप्पी साध ली है।