घर में और कोई नहीं था

बाकरगंज के कल्लू मियां तकिया इलाके में पतली सी गली में फारूख खां अपने परिवार के साथ रहते हैं। खुशनुमा और हुसना उन्हीं की बेटियां थीं। परिवार में इसके अलावा पत्नी मुनव्वर बेगम और दो बेटे अफरोज व परवेज हैं। फारूख इस्लामियां में टेलरिंग शॉप पर सिलाई का काम करते हैं। उनके दोनों बेटे कारपेंटर हैं। फ्राइडे सुबह करीब साढ़े आठ बजे फारूख और दोनों बेटे काम पर चले गए। कुछ देर बाद मुनव्वर बेगम पास में कुरान खानी में चली गईं। करीब आधे घंटे बाद पड़ोस के मकान की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले नाजिम की पत्नी इसरत ने सबसे पहले घर से धुआं उठता देखा।

पड़ोसी ने धुआं उठता देखा

इसरत ने बताया कि वह कपड़े फैलाने जा रही थी तो अचानक उसे फारूख के कमरे से धुआं उठता दिखा। उसने आवाज देकर मुनव्वर को खाला-खाला कहकर पुकारा। कोई आवाज न आने पर उसने शोर मचाकर पास के लोगों को बताया। कुछ देर बाद काफी लोग इकट्ठा हो गए लेकिन मकान में नीचे के गेट में अंदर से कुंडी लगी हुई थी। उसके बाद कुछ लोगों ने मकान से छलांग लगाकर कमरा खोलना चाहा लेकिन कमरा अंदर से बंद था। फिर दरवाजे को तोड़ दिया गया। लोगों ने देखा कि अंदर दोनों बहनें पूरी तरह से जल चुकी थीं। दोनों की मौत हो चुकी थी। लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस पहुंची और डेड बॉडीज को अपने कब्जे में ले लिया। स्पॉट पर एसपी सिटी शिव सागर सिंह, सीओ सिटी सेकेंड आनंद कुमार, किला थाना इंस्पेक्टर एसपी शर्मा भी पहुंचे।

बड़ी बेटी मेंटली डिस्टर्ब थी

पुलिस की पूछताछ में फारूख ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी खुशनुमा करीब पांच साल से मेंटली डिस्टर्ब थी। वह इलाज के लिए उसे मजारों पर लेकर जाते थे। खुशनुमा काफी गुस्सा करती थी और कभी-कभार बर्तन व अन्य सामान भी फेंक देती थी। उन्होंने यह भी कहा कि हुसना अपनी बड़ी बहन को बहुत प्यार करती थी। शायद इसीलिए उसने भी अपनी बहन के प्यार में आकर साथ में जान दे दी। फारूख ने बताया कि हाल-फिलहाल में कोई झगड़ा भी नहीं हुआ था। सुबह तो हुसना ने सबको खाना बनाकर खिलाया था और खुशनुमा ने पान लगाकर दिया था।

पहले से प्लानिंग का शक

पुलिस को मौके पर कमरे से एक खाली डिब्बा मिला है जिसमें मिट्टी तेल की महक आ रही थी। कमरे के अंदर आग लगाने से कमरे के अंदर रखी सिलाई मशीन व अन्य सामान जल गया। ऊपर के कमरे में कारपेंटर के काम में इस्तेमाल होने वाली लकडिय़ां भी पड़ी मिली हैं लेकिन उनमें आग नहीं लगी। लोगों ने बताया कि मकान के नीचे का गेट अंदर से बंद था। ऊपर सीढिय़ों पर लगा चैनल भी बंद था। पुलिस की शुरुआती जांच में लगता है कि दोनों बहनों ने पहले से ही पूरी प्लानिंग कर ली थी। कमरे में खुले डिब्बे में तेल लाना और सभी दरवाजों को बंद करना इसी की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि इस बीच एक बात शक पैदा कर रही है.आसपास किसी ने चीखने-चिल्लाने की कोई आवाज नहीं सुनी। फिलहाल पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। परिजनों व पड़ोसियों से पूछताछ कर कारणों के बारे में पता लगाया जा रहा है।

-शिव सागर सिंह, एसपी सिटी

पैसे नहीं दिए तो खुद को जलाया

फरीदपुर थाना क्षेत्र में एक युवक ने नशे की हालत में खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह कर लिया। 25 वर्षीय प्रवेश अपने पिता सुरेश पाल, मां सोमवती, भाई सुनील, सुधीर व सुरजीत तथा बहन सविता, भूरी व रिंकी के साथ रहता था। सुरेश पाल ने बताया कि प्रवेश किसान था और अक्सर घर पर शराब पीकर आता था। इसलिए कहासुनी होती रहती थी। थर्सडे रात करीब साढ़े नौ बजे वह शराब पीकर घर पर आया था। उसके बाद प्रवेश गुस्से में आकर खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। उसे इलाज के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। फ्राइडे सुबह उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि प्रवेश शराब पीने का आदी तो था ही साथ ही परिजनों से पैसों की मांग करता था। परिजनों ने पैसे देने से मना किया तो गुस्से में आकर आग लगा ली। पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की इंक्वायरी की जा रही है।