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GORAKHPUR: शहर के भीतर बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने वालों की मुसीबत कम नहीं होगी। बल्कि उनके खुद के साथ-साथ पीछे बैठी सवारी को भी हेलमेट पहनाने की कोशिश ट्रैफिक पुलिस करेगी। इतना ही नहीं अब चार साल से अधिक उम्र के बच्चे को बाइक पर बैठाने के दौरान हेलमेट पहनाना जरूरी होगा। एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि दो पहिया सवारी में अब बच्चों को हेलमेट पहनाने से संबंधित प्रावधान केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 में किया गया है। इस संबंध में आदेश मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

इमरजेंसी सर्विस बाधित करने पर भी कैद और जुर्माना
ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि केंद्रीय मोटर वाहन कानून 1988 में संशोधन के लिए जो विधेयक पेश किया गया, उसमें एक नई धारा 129 जोड़ी गई है। इसमें कहा गया है कि दोपहिया वाहन की सवारी करने वाले चार साल से ऊपर के सभी बच्चों को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। हेलमेट आईएसआई मार्क का होना चाहिए। इसमें सिख परिवार के बच्चे को हेलमेट पहनने से तभी छूट मिलेगी जब वह पगड़ी बांधे हुए होंगे। इसके अलावा कार की पिछली सीट पर बैठे बच्चों के लिए भी चाइल्ड रिस्ट्रेंन सिस्टम जरूरी किया जा रहा है। इसके तहत कार में एक बूस्टर, चाइल्ड सीट अनिवार्य होगी जिसमें लिटाकर बच्चों को सीट बेल्ट लगाया जा सकता है। इसके अलावा एडल्ट अकाउंटिबिलिटी भी तय कर दी गई है। इसमें साफ कहा गया है कि यदि बच्चे अपने गार्जियन, वैन या रिक्शा वाला, जिनके साथ भी जा रहा है तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी गार्जियन, वैन या रिक्शा के ड्राइवर की होगी। जबकि एबुलेंस सहित अन्य इमरजेंसी सेवाओं की व्हीकल रोकने पर भी 10 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। जबकि छह माह की कैद का प्राविधान किया जा रहा है। हालांकि शहर में अभी तक पुलिस की जांच सिर्फ बाइक चलाने वालों पर फोकस रहती है जबकि सवारी पर कोई ध्यान नहीं देता।

नए नियमों में यह होगा सुधार

- बाइक पर चार साल से बड़े बच्चे हेलमेट पहनेंगे।

- गार्जियन, वैन या रिक्शा में सुरक्षा की जिम्मेदारी ड्राइवर की होगी।

- इमरजेंसी सेवाओं का व्हीकल रोकने पर छह माह की कैद, 10 हजार जुर्माना

- साइलेंस जोन में हॉर्न बजाने पर एक हजार रुपए का जुर्माना कटेगा।

- बार-बार हॉर्न बजाने की दशा में जुर्माना डबल हो जाएगा।

बिना हेलमेट एक लाख रोजाना भरते जुर्माना
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि हेलमेट पहनाने को लेकर शहर में सघन अभियान चलाया जा रहा है। चेकिंग हेलमेट जागरुकता रैली के अलावा जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों को जानकारी दी जाती है। हेलमेट पहनने वालों को पुरस्कृत करना, उनको गुलाब देकर सम्मानित करना, चौराहों पर हेलमेट पहनने वालों से केक कटवाना, प्रशस्ति पत्र देने सहित कई तरह के अभियान चलाए गए हैं। एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता खुद सड़क पर उतरकर लोगों से हेलमेट पहनने की गुजारिश कर रहे हैं। बावजूद इसके ज्यादातर लोग हेलमेट से परहेज कर रहे जबकि यह सब सिर्फ उनके हित में किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े के अनुसार गोरखपुर में रोजाना बिना हेलमेट पहनने वालों पर होने वाली कार्रवाई में एक लाख रुपए का चालान होता है।

हेलमेट न पहनने पर जुर्माना

- बिना हेलमेट पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपए

- दोबारा बिना हेलमेट पकड़े जाने पर 1000 रुपए

- रोजाना बिना हेलमेट पर होने वाला चालान 200 से 600

शहर में हेलमेट जागरूकता अभियान का असर नजर आने लगा है। करीब 60 फीसदी लोग हेलमेट पहनने लगे हैं। अब तो राइडर संग सवारी भी हेलमेट पहने नजर आती है। चार साल के बच्चों के संबंध में गवर्नमेंट ऑर्डर मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। हमारी गुजारिश है कि ट्रैफिक पुलिस नहीं बल्कि अपने परिवार, बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा नियमों का पालन जरूर करें।
- आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक