इसे लेकर दिन भर गहमा-गहमी रही, लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चला.बच्चे की मां सोमवारी रो-रो कर लोगों से अपने बेटे की तलाश करने की गुहार लगा रही थी। इस बीच पुलिस भी पहुंची और उससे मामले की जानकारी ली। लेकिन, यह पता नहीं चला कि आखिर बच्चे को चुराने वाले कौन थे?
Treatment के लिए आई थी
गम्हरिया थाना एरिया स्थित उदय मुर्मू की वाइफ सोमवारी अपने ढाई साल के बच्चे बाबूराम मुर्मू का ट्रीटमेंट करवाने एमजीएम हॉस्पिटल आई थी। बाबूराम पिछले तीन दिन से हॉस्पिटल के चिल्ड्रेन वार्ड में एडमिट है।
सुबह की है घटना
संडे की सुबह करीब 9 बजे सोमवारी नहाने के लिए वार्ड से बाहर आयी। उसने अपने दोनों बच्चों को अपनी सास पार्वती मुर्मू के हवाले कर दिया और इमरजेंसी के पास स्थित नल में नहाने लगी। उसकी सास बाबूराम और एक साल के लक्ष्मण को गोद में लेकर इमरजेंसी के सामने स्थित आम के पेड़ के पास बैठी थी। इस बीच एक आदमी पार्वती से छोटे बच्चे को गोद में लिया और स्कूटी पर एक चक्कर घुमाकर उसके हवाले कर दिया। थोड़ी देर बाद वह फिर आया। उसके साथ एक दूसरा आदमी भी था। उसने दोबारा बच्चे को मांगा और कहा कि घुमाकर ला देगा।
10 रुपए देकर ले गए बच्चे को
इसके बाद उस आदमी ने बाबूराम को 10 रुपए दिए और कहा कि बिस्किट खा लेना। इसके बाद उसने पार्वती से लक्ष्मण मुर्मू को लिया व स्कूटी पर बैठ गया और दूसरा व्यक्ति स्कूटी ड्राइव कर बाहर चला गया। इसके बाद से बच्चे का कुछ पता नहीं है।
कौन थे वो लोग?
इस घटना के बाद तो एमजीएम हॉस्पिटल कैम्पस में हंगामा मच गया। लोगों की भीड़ जुट गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई। पार्वती ने बताया कि वह बच्चे को ले जाने वालों को नहीं पहचानती है। उन्होंने घुमाने के लिए बच्चे को लिया था, लेकिन उसे लेकर भाग गए। सोमवारी ने घर फोन कर अपने हसबैंड को पूरी घटना की जानकारी दी।
CCTV में सामने आए चोर
घटना की खबर मिलते ही एमजीएम सुपरिंटेंडेंट हॉस्पिटल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इमरजेंसी के पास सीसीटीवी कैमरा लगा है।
कैमरे की रिकार्डिंग देखने के लिए एक्सपर्ट विनय वर्मा को बुलाया गया। उन्होंने फुटेज को खंगालना शुरू किया। इस बीच सिटी डीएसपी आलोक भी पहुंच गए। फुटेज की जांच के दौरान पाया गया कि पूरी घटना सुबह 9.27 बजे से लेकर 9.37 बजे के बीच यानी 10 मिनट में ही घटी। दोनों युवक बच्चे को लेकर लाल रंग की स्कूटी से निकल गए। इनमें से एक 45-50 साल का आदमी और तो दूसरा 25-30 साल का युवक था।
तो गाड्र्स हुए एक्टिव
घटना के वक्त गेट पर कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। इसके लिए एमजीएम सुपरिंटेंटेंड ने गाड्र्स को फटकार भी लगायी। हालांकि, मामले की सूचना मिलते ही गाड्र्स एक्टिव हो गए और बच्चे का पता लगाने की कोशिश की।

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हॉस्पिटल में सिक्योरिटी है, लेकिन जिस तरह घटना हुई इसे रोकना मुश्किल था। गाड्र्स ने मुझे तत्काल इंफॉर्म किया। इसके बाद सीसीटीवी रिकार्डिंग से जानकारी मिली। पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया है। कैमरे की क्वालिटी बेहतर किया जाएगा साथ ही बेहतर सिक्योरिटी के लिए भी गवर्नमेंट को लेटर लिखा जाएगा।
डॉ एसएस प्रसाद, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएमसीएच
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घटना के काफी देर बाद महिला ने सिक्योरिटी को जानकारी दी। इसके बाद हमने सिक्योरिटी गाड्र्स को आस-पास दौड़ाया भी, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद हमने ही पुलिस को इंफॉर्म किया।
फौजदार गिरी, सिक्योरिटी गार्ड, एमजीएमसीएच