RANCHI: मांडर के गडमी से अपहृत नाबालिग राहुल टोप्पो का चार साल बाद भी सुराग नहीं मिल पाया है। वर्ष 2014 में मोहल्ले का ही एक ट्रक ड्राइवर एतवा उरांव गुमराह कर उसे रांची घुमाने लाया था। इसके बाद एतवा तो घर लौट गया, लेकिन राहुल टोप्पो की राह आज भी परिजन ताक रहे हैं। बूढ़ी मां को अब भी अपने बेटे के लौटने का इंतजार है, जबकि वह चार साल से बेटे के इंतजार करते-करते खटिया पकड़ चुकी है।

मांडर में दर्ज कराई थी प्राथमिकी

राहुल टोप्पो के भाई संजू टोप्पो ने उस वक्त मांडर थाने में एतवा उरांव के खिलाफ अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने राहुल को ले जाने की बात से साफ इनकार कर दिया। पुलिस ने एतवा उरांव को अपहरण के आरोप में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था।

कोर्ट में आरोपी को बताया जुवेनाइल

अपहरण का केस कोर्ट में दो सालों तक चला। इस बीच ट्रक ड्राइवर एतवा उरांव को बालिग से नाबालिग बनाया गया। कोर्ट में उसे नाबालिग बता कर रिमांड होम लाया गया, फिर उसकी रिहाई हो गई। भाई संजू टोप्पो का आरोप है कि उसे बगैर जानकारी दिए कोर्ट में केस समाप्त कर दिया गया। अभी आरोपी एतवा उरांव आराम से बाहर घूम रहा है।

बाल तस्करी करता है एतवा

एतवा गांव के बाल-बच्चों की तस्करी करता है और उसे ह्यूमन ट्रैफिकर के पास जाकर बेच डालता है। वह ट्रक ड्राइवर की आड़ में ही बाल तस्करी का धंधा करता है।

थाने में कहते हैं खोज रहे हैं राहुल को

भाई ने इस संबंध में सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी समेत बाल संरक्षण आयोग और डीएसपी को जानकारी दी है, लेकिन कहीं से उसे राहत नही मिल पाई है। जब वह थाने जाकर भाई के बारे में पूछता है तो कहा जाता है कि खोज रहे हैं, जैसे ही पता चलेगा, बता देंगे?

वर्जन

इस बात की जानकारी मिली है। इस केस की पुन: तहकीकात की जाएगी और एक मां व भाई को न्याय दिलाया जाएगा। साथ ही आरोपी से फिर से पूछताछ होगी।

-राजकुमार मेहता, सिटी डीएसपी