छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: साकची आईएमए बिल्डिंग निवासी पिंटू श्रीवास्तव की 5 साल की बेटी आयशा को कानपुर रेलवे स्टेशन से जीआरपी ने बरामद कर लिया है। जबकि आयशा को ले कर भागने के आरोपी रवि को साकची पुलिस ने बागुनहातु से रविवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया है। वहीं रवि के एक सहयोगी को कानपुर जीआरपी ने अपने पास ही पकड़ कर रखा है। साकची पुलिस आयशा को लेने के लिए आयशा के परिजनों के साथ कानपुर रविवार की शाम रवाना हो चुके हैं।

किया था अपहरण

बागुनहातु निवासी रवि और उसके एक सहयोगी ने मिलकर आयशा को कानपुर में बेचने की योजना बनाई थी। योजना के तहत बच्ची को बहला-फुसला कर रवि 12 फरवरी को उसके घर से लेकर फरार हो गया। स्टेशन में रवि का सहयोगी उससे मिला और तीनों बिना टिकट के ही ट्रेन से कानपुर के लिए रवाना हो गये। कानपुर रेलवे स्टेशन में जैसे ही तीनों पहुंचे। जीआरपी की नजर इनपर पड़ी। जीआरपी को शक होने पर तीनों को रोककर पूछताछ शुरू की तो संतोषजनक जवाब रवि व उसका सहयोगी नहीं दे पाये। इसके कारण जीआरपी ने रेलवे स्टेशन में ही तीनों को रोक लिया। रवि को कोढ़ की बीमारी है, जिसके कारण जीआरपी ने उसे वापस टाटानगर भेज दिया और बच्ची व रवि के सहयोगी को रोक कर पूछताछ शुरू कर दी। इधर टाटानगर स्टेशन दो दिन पहले रवि पहुंचा और चुपचाप अपने घर चला गया।

साकची पुलिस ने दबोचा

साकची पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बागुनहातु में रविवार की दोपहर छापामारी की तो पुलिस को देख्रकर रवि भागने लगा। पुलिस ने रवि को दौड़ा कर पकड़ा और गिरफ्तार कर साकची थाना ले गयी। पूछताछ में रवि ने बताया कि आयशा को वह और उसका एक सहयोगी बेचने के लिए कानपुर ले जा रहे थे। रवि को अपने सहयोगी का नाम नहीं मालूम है बस वह इतना ही बता रहा है कि साकची क्षेत्र में उसका सहयोगी जूता सिलने का काम करता है।

10 रुपए में पहुंचा टाटा

जीआरपी ने रवि को कानपुर स्टेशन में पकड़ने के बाद वापस टाटानगर स्टेशन दस रुपये देकर भेज दिया है। रवि ट्रेन में भीग मांग कर टाटानगर स्टेशन तक पहुंचा। वह बिना टिकट ही रेलवे स्टेशन पहुंच गया।

आयशा के घर आना-जाना था रवि का

रवि ने बताया कि आयशा के परिवार वालों से उसकी मां मंजू की दोस्ती थी। मंजू साकची अक्षेस के पास चाय की दुकान लगाती है। रवि ने बताया कि आयशा के घर वह आना जाना करता था और उसके घर में ही कभी कभी खाना भी खाता था। जब आयशा के घर में मांस-मछली बनती थी तो उसकी मां उसे खाने पर बुलाती थी।