हाल-ए-परिवार
मुरादाबाद में ठाकुरद्वारा तेलीपुरा का रहने वाला हरपाल सिंह मोहकमपुर स्थित केमिकल फैक्ट्री में चौकीदार है। हरपाल फैक्ट्री में ही मकान में रहता है। हरपाल के परिवार में दो बेटियां बड़ी पूजा व छोटी बेटी आरती है और सबसे छोटा बेटा नौ साल का शिवम था। हरपाल की दो बहनें मुन्नी पत्नी ओमबीर और प्रेमवती पत्नी सुरेश शिवपुरम में ही रहती हैं। मुन्नी का पति ओमबीर पॉवरलूम फैक्ट्री में वेंडर का काम करता है और प्रेमवती का पति भी चौकीदार करता है। हरपाल की यह तीसरी शादी थी। जिसके ये तीनों बच्चे रहे। शिवम शिवपुरम के एक प्राइवेट स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता था.

शुरू हुआ सिलसिला

हरपाल के बच्चे अपनी बुआ मुन्नी के यहां रोज आते-जाते थे। शिवम रोज स्कूल के बाद अपनी बुआ के यहां रुक जाता था। शाम को जब शिवम की मम्मी शीला दूध लेने आती थी तो उसको अपने साथ ले जाती थीं। कभी कभार शिवम खुद ही अकेला घर पहुंच जाता था। सोमवार को भी शिवम अपनी बुआ मुन्नी के यहां पर गया हुआ था। दोपहर में करीब एक बजे वह बुआ के यहां से अपने घर को चला गया। दोपहर में करीब दो बजकर चौदह मिनट पर फैक्ट्री के डॉट फोन पर कॉल आई।

दो लाख दो, बच्चा ले जाओ

फोन करने वाले ने शिवम के अपहरण की बात की और दो लाख रुपए नाई के खोखे पर पहुंचाने को कहा। हरपाल ने इस बात को मजाक मानकर नजर अंदाज कर दिया। शाम हुई और शिवम की मां बुआ के घर पहुंची, जहां शिवम नहीं था। इसके बाद शिवम की खोजबीन शुरू हुई। शाम सात बजे तक फैमिली वाले शिवम को आसपास खोजते रहे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

जहां बार-बार खोजा वहीं मिला

देर रात थाना टीपी नगर में शिवम के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद पुलिस शिवम की बुआ के घर पूछताछ के लिए पहुंची। रात में करीब दो-ढाई बजे तक शिवम की खोजबीन की गई। मुन्नी के पड़ोस वाले खंडहर में भी शिवम को कई बार खोजा गया। लेकिन वह वहां नहीं था। मंगलवार की सुबह एक बार फिर उसी खंडहरनुमा मकान में फिर देखा गया। इस बार शिवम की लाश इस मकान के अंदर पड़ी हुई थी। उसके एक पैर में जूता था। दूसरा जूता बाहर पड़ा हुआ था। यह देखकर परिवार वाले और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए।

पुलिस भी पहुंची

कुछ ही देर में पुलिस भी पहुंच गई। कत्ल की छानबीन शुरू की गई। शिवम के गले को देखा गया तो उस पर किसी तार या फिर पतली रस्सी का निशान बना हुआ था। जिससे साफ था कि शिवम का गला घोटकर कत्ल किया गया था। परिजनों और पब्लिक की भीड़ ने शिवम की बॉडी को घेर रखा था। पुलिस ने किसी तरह शिवम की बॉडी को पीएम के लिए भेजा। इसके बाद अपहरण और कत्ल के कारीगरों की तलाश में जुट गई। वहीं शाम को शिवम की बॉडी को पीएम के बाद दफना दिया गया। जिसकी मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम सा मच गया। बुढ़ापे का अकेला बेटा ही सहारा था।

पुलिस ने इनको उठाया

पुलिस ने अपनी तफ्तीश में सबसे पहले उस व्यक्ति को उठाया जिसके नंबर से फोन आया था। इसके बाद उसको उठाया जिसके खोखे पर फिरौती भेजने को कहा गया था। एक-एक करके पुलिस ने करीब छह लोगों को इलाके से पूछताछ के लिए उठाया। जिसमें रात तक पुलिस इन लोगों से कत्ल का मॉटिव जानने में लगी रही। पुलिस को यह तो साफ हो गया कि कातिल बहुत नजदीकी है। आसपास का ही रहने वाला है। पुलिस इस बच्चे के कातिल तक पहुंचने का दावा भी कर रही है। फिलहाल कातिल का नाम बताने को तैयार नहीं है.

"मृतक के पिता से फिरौती तो मांगी गई थी, लेकिन वह इस लायक नहीं था कि दो लाख रुपए दे सके। मामला रंजिशन भी हो सकता है। फिलहाल पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया है। फोन करने वाला व्यक्ति भी हाथ लग गया। अभी इन लोगों से पूछताछ की जा रही है। केस खुल जाएगा."
- रणवीर यादव, एसओ टीपी नगर