इकलौता है माधव

प्रेमनगर के कीर्ति नगर निवासी मोहित ऐरन का बेटा पांच साल का माधव उर्फ आयुष्मान हार्टमेन में केजी में पढ़ता है। मोहित आटा गोपाल भोग के मालिक हैं। माधव इकलौता बेटा है। माधव के परिवार में मां मेघा, दादा शिव शंकर व दादी उर्मिला है।

ड्राइवर को किया फोन

माधव दोपहर एक बजे तक वैन से स्कूल घर वापस आ जाता था। इंद्रा नगर निवासी अतुल उसकी वैन चलाता था। अतुल ने पुलिस को बताया कि दोपहर करीब सवा 12 बजे उसके मोबाइल पर 7409203722 नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि माधव की मां का एक्सीडेंट हो गया है और उन्हें राममूर्ति हॉस्पिटल में लेकर जा रहे हैं। वह माधव को धर्मकांटा स्थित धर्म दत्त हॉस्पिटल के पास स्थित गली छोड़ दे। वहां पर नानी का घर है। ड्राइवर आकर उसे ले जााएगा। कॉल करने वाले ने लेने जाने वाले का हुलिया भी बता दिया जिससे ड्राइवर को शक न हो। जबकि माधव की नानी शाहजहांपुर में रहती हैं.  अतुल ने बताया कि जब वह गली के पास पहुंचा तो एक शख्स लाल कलर की शर्ट व ब्लू कलर के लोअर में पहुंचा। उसने हवाई चप्पल पहन रखी थी। अतुल का कहना है कि उसने बच्चे से पूछा भी कि बेटे इन्हें जानते हो तो माधव ने हां भी कहा। अतुल ने बताया कि जिस गली में बच्चे छोड़ा था, वह बंद रहती है। उसमें गेट पर ताला लगा रहता है।

पुलिस को मत बताना, वरना

इधर, किडनैपर ने माधव के पिता मोहित ऐरन के मोबाइल पर फोन किया। उसने पूछा कि वह माधव के पिता बोल रहे हैं। उसने कहा कि उनके बेटे को किडनैप कर लिया है। पहले उन्होंने मजाक समझा लेकिन बाद में कहा कि ज्यादा होशियारी न दिखाना। पुलिस को भी मत बताना। बच्चा हमारे कब्जे में है और सही सलामत है। बाकी कल देखना उसके बाद फोन स्विच आफ हो गया।

मां को फोन कर पूछा

इसके बाद मोहित ने माधव की मां मेघा को फोन किया और वेन ड्राइवर से माधव के बारे में पूछने के लिए कहा। जैसे ही ड्राइवर को फोन किया तो उसने सारी बात बता दी। फिर तो पूरा परिवार टेंशन में आ गया। मोहित तुंरत उस जगह पर गए जहां से माधव को ले जाया गया था। उसके बाद उन्होंने किसी तरह एसपी सिटी को फोन कर मामले की सूचना दी। एसपी सिटी ने तुंरत फोन कर पुलिस को एक्टिव कर दिया। यही नहीं मोहित से ड्राइवर को भी साथ लेकर आने को कहा गया।

गुमराह करने की भी कोशिश

यहां से नया टिवस्ट सामने आया। सिकलापुर चौराहा पर बच्चे के मिलने की सूचना मिली। सूचना देने वाले ने अपना नाम दुर्गानगर निवासी अभिषेक बताया। अभिषेक ने बताया कि वह टैक्सी स्टेंंड से अपने घर जा रहा था। सिक्लापुर चौराहा पर उसने देखा कि माधव खड़ा है। वह माधव को पहले से जानता था। अभिषेक दो साल पहले माधव को वैन में लेकर जाता था।

14 नवंबर को है जन्म दिन

माधव ने बताया कि उसे एक युवक अपने साथ ले गया। उसने गाड़ी से यूं मोड़ लेकर घुमाया और फिर अपने घर लेकर गए। उसने बताया कि वह उसे ले जाने वाले तीन दोस्तों को जानता है। जब उससे नाम पूछे तो उसने संजय, दीपक व एक अन्य नाम बताया। माधव के दादा ने बताया कि माधव को 14 नवंबर को जन्म दिन होता है। वापस लौटने पर पड़ोसियों के साथ सभी आलाधिकारी व सिटी के कई नेता भी पहुंचे।

मुस्तैदी आयी काम

बच्चे को लाने वाले पुलिस ड्राइवर को तुंरत साइबर सेल में लेकर गई। एसपी सिटी ने साइबर सेल व सर्विलांस सेल की मदद से ड्राइवर से पूछताछ स्टार्ट की। यहीं नहीं ड्राइवर, पिता व कॉलर के नंबर को भी सर्विलांस पर लगा दिया। एसटीएफ की टीम भी एक्टिव हो गई। कुछ ही देर बाद एसएसपी भी पहुंचे और पूछताछ कर एसपी सिटी के साथ टीमें मौके व घर पर भेजी। पुलिस को कालर की लास्ट लोकेशन कालीबाड़ी की 12:58 की मिली। पुलिस ने कालर के दूसरे नंबरों की जब लोकेशन व सभी काल्स की लोकेशन निकाली तो वह प्रेमनगर व बारादरी के एरिया में ही निकली। यहीं नहीं पुलिस लास्ट में संजय नगर तक जा पहुंची। यहीं से किडनेपर्स को लगा कि वह फंस गए हैं और फिर बच्चे को सिक्लापुर चौराहा के पास छोड़ दिया।

फिरौती के लिए की थी किडनैपिंग

किडनैपिंग की प्लानिंग करनेवाले अभिषेक श्रीवास्तव के पिता मेडिकल स्टोर पर काम करते हैं। अभिषेक को काफी दिनों से ड्राइविंग का काम नहीं मिल रहा था। इस प्लान में दोस्त अरविंद को शामिल किया। अभिषेक ने पुलिस को बताया माधव की रईस फैमिली को देखकर उसने ऐसा प्लान बनाया था.  उसने फिरौती के पैसों से बिजनेस प्लान किया था.  उसने क्योलडिय़ा के तुलाराम के नाम पर घर ले रखा था। उसने अरविंद को ही राहुल बनाकर पेश किया था और खुद ही इरफान बना था। उसके पास से पुलिस को दो अन्य सिम व मोबाइल बरामद हुआ है। अभिषेक का कहना है कि वह गलियों के रास्ते होते हुए रामगंगा तक पहुंच गया था लेकिन बाद में पुलिस के डर के चलते वह बच्चे को घर छोडऩे पहुंचा। रास्ते में ईट पजाया पर परिवार के कुछ लोग पहुंच गए और उसने मिलने की झूठी कहानी बता डाली। अरविंद बच्चे को मौके से पैदल लेकर गया और फिर वहां से स्कूटर में दोनों सवार होकर गए। वहीं सर्विलांस की लोकेशन व माधव के कहने के अनुसार बच्चे को संजय नगर में ही रखा गया था।

'बच्चों की सेफ्टी के लिए स्कूल व पेरेंट्स जिम्मेदार हैं। स्कूल को जानने वाले ड्राइवर को ही बच्चा को सुरक्षित पहुंचाना चाहिए। पेरेंट्स को भी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कोई प्रोफेशन गैंग एक्टिव नहीं है। कुछ यंगस्टर पैसा कमाने के चलते ऐसा कर सकते हैं.'

आलोक शर्मा, आईजी

'बच्चे को किडनैप किया गया था। सकुशल बच्चा फैमिली के पास पहुंच गया है। एक ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया गया है। नए गैंग ना आपरेट हो पाएं इस पर नजर रखी जाएगी। '

आकाश कुलहरि, एसएसपी बरेली