शोर मचाने पर लोगों ने बचाया
नसरीन (परिवर्तित नाम) इज्जतनगर की रहने वाली है। वह दसवीं की पढ़ाई कर रही है। नसरीन के पिता एक एडवोकेट के यहां मुंशी हैं और जनरल स्टोर भी चलाते हैं। थर्सडे शाम चार बजे नसरीन हार्टमैन पुल के पास कंप्यूटर क्लास के लिए जा रही थी। रास्ते में उसके रिश्तेदार वसीम, नसीम व एक अन्य ने उसका रास्ता रोक लिया व उसे खींचकर अपने साथ ले जाने लगे। जब उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग आ गए। उन्होंने धमकी दी है कि वह चाहे कुछ भी कर ले लेकिन वह उसे फिर से उठा ले जाएंगे।

पहले भी हुआ था अपहरण
नसरीन ने बताया कि ठीक एक साल पहले 31 जुलाई को उसके जीजा की बहन शमीम अपने बेटे वसीम व रिश्तेदार नफीस व सरफराज के साथ शाम के वक्त घर आयी थी। उस वक्त घर पर सिर्फ उसका भाई था। सभी ने तमंचे के बल पर उसका अपहरण कर लिया और उसे दिल्ली ले गए। घरवालों ने मामले की एफआईआर थाना में दर्ज कराई।

बेचने का था इरादा
नसरीन ने बताया कि उसे चार महीने तक दिल्ली में एक कमरे में कैद रखा गया। इस दौरान उसके साथ गलत हरकतें करके वीडियो क्लिप भी बनाया गया। नसरीन के मुताबिक उसका एक एमएमएस लीक भी कर दिया गया। चार माह बाद जब उसे ट्रेन से दिल्ली से मुंबई बेचने ले जा रहे थे तो किसी तरह वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन छुप गई। उसने वहां से अपने घर पर सूचना दी। घर वाले पुलिस के साथ वहां पहुंचे और उसे अपने साथ लेकर आए। लेकिन इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय एफआर लगा दी।

गिरफ्तारी के आदेश
इस मामले में एसपी सिटी ने शिकायत मिलने पर एसओ इज्जतनगर को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। उन्होंने पहले से दर्ज एफआईआर के मामले में एफआर लगाने वाले आईओ की भी डांट लगायी।