- शुक्रवार को लखनऊ से कार में ले आए थे बरेली

- पुलिस रात भर मारती रही दबिश, आरोपित घुमाते रहे कार में

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बरेली: रुपयों के लेन-देन के विवाद में लखनऊ से गाड़ी में डालकर लाए गए इंदौर के आकाश तिवारी को कुछ युवक रात भर गाड़ी में शहर की सड़कों पर घुमाते रहे। तड़के उसे बारादरी थाने में छोड़कर चले गए। आकाश के मिलने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। पुलिस ने मामले में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है।

इंदौर के रहने वाले आकाश तिवारी यापी टेस्ट फूड प्राइवेट लिमिटेड में मार्केटिंग मैनेजर हैं। बरेली के हमदान ने यहां कंपनी का आउटलेट खोल रखा है। हमदान का कंपनी से करीब 30-40 लाख रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा है। आकाश तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को लखनऊ के आलोक ने उन्हें आउटलेट के बारे में बातचीत करने के लिए बुलाया था। लखनऊ पहुंचने के बाद उन्हें देहरादून के सुमेश, आलोक ने कार में बैठा लिया। रास्ते में आलोक उतर गया हमदान बैठ गया। वे लोग उसे बरेली ले आए। शाम साढ़े चार बजे वह बरेली पहुंचे। यहां पहले उसे पुराने शहर में आउटलेट में बैठाए रखा। हमदान उससे कंपनी में लगाए गए रुपये मांग रहा था।

भाई ने की थी ऑनलाइन शिकायत

आकाश ने अपने भाई दीक्षांत को बता दिया था कि उसे कुछ लोग बरेली ले जा रहे हैं। दीक्षांत ने लखनऊ पुलिस से ऑनलाइन शिकायत की। इस पर वहां की पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आकाश को ढूंढ़ना शुरू कर दिया। लोकेशन बारादरी क्षेत्र में मिलने पर बरेली पुलिस को फोन किया गया। इसके बाद बरेली पुलिस आकाश की तलाश में जुट गई। पुलिस रात भर आकाश की तलाश में दबिश देती रही।

सुबह तीन बजे थाने छोड़ा

हमदान, सुरेश व ड्राइवर आकाश को लेकर शहर की सड़कों पर घूमते रहे। आकाश तिवारी के मुताबिक तड़के तीन बजे वे लोग उसे बारादरी थाने में अंदर छोड़कर चले गए। आकाश के लौट आने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। पुलिस ने आकाश को जबरन पकड़कर लाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इधर पुलिस का कहना है कि कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पहले से ही दर्ज है।

बयान

मामला अपहरण का नहीं है। कंपनी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मुकदमा थाने में दर्ज है। आकाश उसी कंपनी में काम करता है। कंपनी के मालिकों को बुलाया जा रहा है।

- कृष्णवीर सिंह, इंस्पेक्टर बारादरी।

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