RAMGARH: नेशनल हाइवे-फ्फ् में बने फोरलेन व बाइपास जानलेवा साबित हो रहे है। दो साल पहले फोरलेन का काम शुरू होने से लेकर काम के पूरा हो जाने के बाद इसमें एक सौ से भी अधिक छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुई। इसमें दर्जनों लोगों की जानें गई तो कई लोगों अपाहिज भी हो गए। अवैज्ञानिक तरीके से बनाए गए फोरलेन सड़क में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं चुटूपालू घाटी में वन विभाग के वाच टावर के पास, ललकीघाटी के पास तथा कांकबार के पास बाइपास मोड़ के पास हुई। फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान भी वर्ष ख्0क्ख्-क्फ् में चुटूपालू घाटी में एक दर्जन से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई। वर्ष ख्0क्फ् की बात करें तो इस सड़क में कुल ख्ख् सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है। इसमें तीन महिलाओं सहित क्ब् लोगों की मौत हुई, तो फ्ब् लोग घायल हुए। इन दुर्घटनाओं में टेलर, इंडिका, टैंकर, बोलेरो, बस, ट्रक, मारुति वैन तथा मोटरसाइकिल दुर्घटना शामिल है। इस वर्ष आी तक इसी सड़क में अभी तक ख्7 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इसमें एक साल की एक बच्ची समेत ख्क् लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि फ्0 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इस वर्ष इस जानलेवा सड़क में टेलर, टैंकर ट्रक ज्यादा दुर्घटनाग्रस्त हुई। एक यात्री बस भी इस साल दुर्घटनाग्रस्त हुई। हालांकि इस वर्ष सर्दी के मौसम शुरू होने के बाद धुंध के कारण अभी तक फोरलेन में अभी तक एक भी सड़क दुर्घटना नहीं हुई है।

दुर्घटना को ले एसपी लिख चुके है एनएचएआई को पत्र

फोरलेन व बाइपास पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए जिले के तत्कालीन एसपी रंजीत कुमार प्रसाद ने एनएचएआई को पत्र लिख चुके हैं। सड़क पर लगातार दुर्घटनाएं होने के पीछे सड़क को सही तरीके से एलाइमेंट नहीं करना बताया गया है। फोरलेन पर कहीं अत्यधिक ढलान तो कहीं अचानक तीखा मोड़। इसे सुधार करने का आग्रह एसपी ने एनएचएआई के अधिकारियों से किया था।