वीडियो फ़ुटेज में देखा गया कि सड़कों पर जुलूस के दौरान किम जोंग इल की विराट तस्वीर को ले जाते समय हज़ारों उत्तरी कोरियाई सैनिक सिर झुकाए खड़े रहे।

सरकारी टेलीविज़न चैनल में देखा गया कि किम जोंग इल के उत्तराधिकारी किम जोंग उन भी जुलूस में किम जोंग की तस्वीर के साथ चल रहे थे। सरकारी मीडिया के मुताबिक़ 69 वर्षीय किम जोंग इल की मौत 17 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने से हो गई। पिछले दस दिनों से उनके शव को उसी अवस्था में रखा गया है।

बीबीसी संवाददाता जॉन सिंपसन के अनुसार उत्तर कोरिया के पूर्व नेता किम जोंग इल के बेहद भव्य और भावुक अंतिम संस्कार समारोह में जमा हुई लोगों की भीड़ से साफ़ पता चलता है कि इसका एक राजनीतिक उद्देश्य भी है।

सिंपसन के मुताबिक़ इसके पीछे मक़सद है कि शोक में डूबा देश एक हो जाए और ताक़त का हस्तांतरण सुरक्षित तरीक़े से हो जाए। हालांकि इस समारोह से ये भी दिखता है कि ये एक राजवंश है।

सत्ता का हस्तांतरण

किम जोंग इल को उत्तरी कोरिया में ''डीयर लीडर'' की संज्ञा दी जाती है। जिस समय उनकी मौत हुई उस दौरान वो किम जोंग उन को अपना उत्तराधिकारी बनाने की प्रक्रिया में थे।

हालांकि ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी, जिस वजह से पड़ोसी देशों में भय है कि परमाणु ताक़त से लैस उत्तरी कोरिया में सत्ता के लिए ज़ोर आजमाइश ना शुरू हो जाए।

सोल में मौजूद बीबीसी संवाददाता लूसी विलियम्सन का कहना है कि उत्तर कोरिया में सेना और पार्टी के अधिकारियों में सत्ता को लेकर टकराव भी हो सकता है।

उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को भी ये अंत्येष्टि समारोह जारी रहेगा जिसमें तीन मिनट का मौन रखा जाएगा और इसके ठीक बाद ट्रेन और जहाज़ों के हॉर्न बजाकर किम जोंग इल को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय मेमोरियल सर्विस कार्यक्रम शुरू होगा।

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