इस वजह से यात्रियों को काफ़ी परेशानी हो रही है । रविवार को भी किंगफ़िशर की कई उड़ानें रद्द कर दी गई थीं। नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने किंगफ़िशर को सरकारी मदद मिलने की बात से इनकार किया और कहा कि किसी निजी एयरलाइन को सरकार मदद नहीं दे सकती।

इससे पहले शनिवार को किंगफ़िशर एयरलाइंस ने एक बयान जारी किया था कि अपरिहार्य कारणों से उसकी सारी उड़ानें सुचारु रुप से नहीं चल पाएँगी। इसमें एक कारण विमनों से पक्षियों का टकराना बताया जा रहा था।

एयरक्राफ़्ट नियमों के तहत अगर एयरलाइंस ऑपरेटरों को अपनी उड़ानों में रद्दोबदल करना है तो उसे पहले डाइरेक्ट्रेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की अनुमति लेनी पड़ती है।

पीटीआई के मुताबिक रविवार को डीजीसीए के महानिदेशक इके भारत भूषण ने कहा था कि उड़ानों में किसी प्रकार के बदलाव होने की स्थिति में विमानन कंपनी का डीजीसीए को जानकारी देना जरूरी है और अगर उड़ाने रद्द होने की या देर से चलने की खबरों में सत्यता पाई गई तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

किंगफ़िशर इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। तीसरी तीमाही में उसे करीब 444 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और उस पर लगभग सात हज़ार करोड़ का कर्ज़ है।

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