इससे देश भर में इस एयरलाइन से यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। गुरुवार को किंगफ़िशर ने अपनी 30 से अधिक उड़ाने रद्द कर दी थी। शराब उद्योगपति विजय माल्या की कंपनी किंगफ़िशर एयरलाइन ने पिछले चार दिनों में 120 से भी अधिक उड़ानें रद्द की हैं।

इन कटौतियों पर डायरेक्टर जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने किंगफ़िशर को नोटिस जारी करके पूछा है कि कटौतियों से पहले उसने इसकी अनुमति क्यों नहीं ली।

भारी घाटा और कर्ज़ का बोझ

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार गुरुवार को एयरलाइन के कई पायलट और केबिन कर्मचारियों ने बीमार होने का कारण बताकर छुट्टी ले ली थी।

उड़ानों में लगातार हो रही कटौती की वजह से हज़ारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है और कई यात्रियों को 20 से 40 प्रतिशत तक ज़्यादा किराया देकर यात्रा करनी पड़ी है।

सौ पायलटों के नौकरी छोड़ने की ख़बरों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल ने कहा कि पिछले कई महीनों में उन्होंने नौकरी छोड़ी है। उनका कहना था, "अभी भी हमारे पास 650 से अधिक पायलट हैं."

पीटीआई से उन्होंने कहा, "हमने उन मार्गों पर उड़ानें कम करने का फ़ैसला किया है जहाँ पहले से ही हमारी कई उड़ानें हैं, जैसे कि मुंबई-दिल्ली मार्ग पर और नांदेड़-मैसूर मार्ग पर। ये कंपनी का लाभ बढ़ाने के लिए की जा रही सामान्य कटौती है." उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि एयरलाइन को बंद करने की तैयारी की जा रही है।

लेकिन बाज़ार में ये सभी को मालूम है कि किंगफ़िशर एयरलाइन को वर्ष 2010-11 में 1,027 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था और कंपनी पर 7057.08 करोड़ रुपयों का भारी भरकम कर्ज़ है।

समाचार एजेंसी का कहना है कि बकाए की रकम न मिल पाने की वजह से तेल कंपनियों एचपीसीएल, आईओसी और बीपीसीएल ने किंगफ़िशर को उधार पर तेल देना बंद कर दिया है और इसने भी किंगफ़िशर की परेशानी बढ़ाई है।

किंगफ़िशर को तेल कंपनियों के अलावा एयरपोर्ट प्राधिकरणों और कई अन्य एजेंसियों को भारी-भरकम भुगतान करना है। इस वजह से नक़दी की कमी झेल रही कंपनी की परेशानी बढ़ गई है।

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