अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से मिले वीडियो फुटेज में किरोबो नाम के इस रोबोट को जापानी अंतरिक्ष यात्री कोचि वकाटा के साथ बातचीत करते दिखाया गया है.

इस रोबोट को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि किरोबो को इंसानों की तरह प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन किया गया है और समय के साथ इसमें सीखने की क्षमता भी है.

रोबोट के डिज़ाइनर का कहना है कि किरोबो और इसी तरह के दूसरे रोबोट का भविष्य काफ़ी अच्छा है. इनका इस्तेमाल न सिर्फ अंतरिक्ष यात्रा के दौरान यात्री के रूप में किया जा सकता है बल्कि ये वृद्ध और अकेले रहने वाले लोगों का साथी भी बन सकता है.

इस जापानी रोबोट को इसी साल अगस्त में अंतरिक्ष में भेजा गया था. इस कामयाबी के साथ ही जापान अंतरिक्ष में रोबोट भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.

कमाल की मासूमियत

यह रोबोट काफ़ी छोटा है और देखने में काफ़ी मासूम भी लगता है. अंतरिक्ष स्टेशन में किरोबो का काम अपने साथियों से बातचीत करना है.

इस माह अंतरिक्ष स्टेशन से भेजे गए वीडियो फुटेज में उसकी बातचीत काफी रोमांचक है.

वीडियो में कोइची वाकाता कहते हैं, "मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूं." इस पर किरोबो कहता है, "मैं भी काफ़ी देर से आपसे मिलना चाह रहा था."

खास बात यह है कि किरोबो की बातचीत पहले से फ़ीड नहीं की गई है. उसे स्वभाविक रूप से अपनी बात कहने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बिल्कुल इंसानों की तरह. यही नहीं, समय के साथ उसमें सीखने की क्षमता भी है.

भावनात्मक सहारा

इस रोबोट के डिज़ाइनरों का मानना है कि भविष्य में इस तरह के रोबोट के लिए काफ़ी संभावनाएं हैं.

किरोबो एक शोध का हिस्सा है, जिसके तहत यह देखा जाना है कि लंबे समय तक अकेले रहने वाले लोगों को मशीनें किस तरह से भावनात्मक सहारा दे सकती हैं.

किरोबो को यह नाम दो जापानी शब्दों को मिलाकर दिया गया है, जिनके अर्थ उम्मीद और रोबोट हैं.

किरोबो को जापानी भाषा में बात करने के लिए तैयार किया गया है और उसमें अपनी बातचीत को रिकॉर्ड करने की क्षमता भी है.