ढाई साल बाद पैसे वापसी का विकल्प

इस किसान विकास पत्र को जारी करने की मांग लंबे समय से हो रही थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसान विकास पत्र को नए सिरे से आज लॉन्च किया. इस बार लॉन्च हुए इस किसान विकास पत्र की खासियत यह होगी कि इसमें ढाई साल बाद पैसे वापस पाने का विकल्प भी दिया गया है. इसके साथ ही निवेशक बजट और इच्छा के मुताबिक निवेश कर सकेगा. अगर निवेशक चाहे तो इसे दो साल और छह महीने के लॉक इन पीरियड के बाद भुना सकेगा. इसके बाद इसे हर छह महीने की अवधि के बाद पूर्व निश्चित मैच्योरिटी वैल्यू पर भुनाया जा सकेगा. गौर हो कि किसान विकास पत्र योजना अप्रैल, 1988 में शुरू की गई थी. यह योजना लोगों को काफी फायदेमंद साबित हो रही थी. उस समय इस योजना में किया गया निवेश 5.5 साल में दोगुना हुआ करता था लेकिन नवंबर, 2011 में इस योजना को बंद कर दिया गया था.

ठगी का शिकार नहीं होंगे निवेशक

इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह न सिर्फ छोटे निवेशकों के लिए निवेश का सुरक्षित विकल्प होगा, बल्कि इसके जरिये देश में बचत दर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. किसान विकास पत्र से छोटे निवेशक धोखाधड़ी वाली योजनाओं से भी बच सकेंगे. वह योजनाओं के नाम पर वह किसी ठगी का शिकार नहीं हो सकेंगे. इस योजना के तहत जुटाई गई राशि सरकार के पास रहेगी जिसका इस्तेमाल केंद्र और राज्यों की विकास योजनाओं में किया जाएगा. शुरुआत में किसान विकास पत्र बिक्री के लिए पोस्ट ऑफिसों में उपलब्ध होंगे, लेकिन जल्दी ही इन्हें सरकारी बैंकों की चुनिंदा शाखाओं के जरिए भी लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा.

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