9 हजार कैंडीडेट्स शामिल हुए थे

खुद की मेहनत, मां के सेक्रिफाइस, पापा और छोटे भाई के साथ ने राजेंद्र विद्यालय के स्टूडेंट किसलय राज को वह मुकाम दिलाया जिसकी चाहत हर माता-पिता की होती है। किसलय के पिता राजेश कुमार 1989 में बिहार के मुजफ्फरपुर से सिटी आए, वे टाटा स्टील में जॉब करते हैं और मां क्षमा हाउस वाइफ हैं। जेईई (मेन) में सिटी के लगभग 9 हजार कैंडीडेट्स शामिल हुए थे जिनमें से लगभग 2 हजार ने जेईई (एडवांस्ड) के लिए क्वालिफाई किया। किसलय की सफलता में उनकी मां का सेक्रिफाइस भी कम मायने नहीं रखता है। पिछले दो सालों से मां कहीं किसी फंक्शन में शरीक नहीं हुईं।


मैं पिछले दो साल से कहीं नहीं गई, किसी रिलेटिव के यहां फंक्शन में भी नहीं। मैंने देखा कि मेरा बेटा काफी मेहनत कर रहा था। ऐसे में उसका ख्याल रखना मेरी जिम्मेवारी थी। आज त्याग और मेहनत का फल मिला।
- क्षमा श्रीवास्तव, किसलय राज की मां

मुझे कभी भी किसलय को पढऩे के लिए कहना नहीं पड़ा। उसे पता है कि किस समय उसे क्या करना है। किसलय ने अपनी जिम्मेवारी निभाई और हमने अपनी निभाने की कोशिश की।
- राजेश कुमार, किसलय के पिता

कुछ घंटे ही पढ़ें लेकिन रेग्यूलर पढ़ाई करें
कम एज में ही गंभीर दिखने और शर्मीले स्वभाव वाले किसलय राज राजेंद्र विद्यालय के स्टूडेंट हैं। फ्लिपकार्ट शुरू करने वाले सचिन और बेनी बंसल को अपना आईडल मानने वाले किसलय ने अपने अचीवमेंट और फैमिली के बारे में आई नेक्स्ट से बात की। उन्होंने क्या कहा, आइए जानते हैं

आई नेक्स्ट - आपके इस शानदार अचीवमेंट पर बधाई।

किसलय राज - थैंक्स।
आई नेक्स्ट - ओएमआर शीट की स्कैंड कॉपी के डिस्प्ले होने से पहले ऐसे रिजल्ट की उम्मीद थी?

किसलय राज - हां, उम्मीद तो थी। लगातार टेस्ट में शामिल होता रहा और उसमें भी 340 से ज्यादा माक्र्स मिलते थे।
आई नेक्स्ट - किस तरह से प्रिपेरेशन किया था। मेन पर ज्यादा फोकस था या एडवांस्ड पर?
किसलय राज - मैंने शुरू से ही जेईई (एडवांस्ड) पर फोकस किया। आईआईटी से बीटेक करने की इच्छा थी और इसके लिए एडवांस्ड पर फोकस करना जरूरी था।
आई नेक्स्ट - डेली कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

किसलय राज - स्कूल जाना होता था, तो घर पर 4-5 घंटे ही पढ़ाई कर पाता था। मेरा मानना है कि ज्यादा घंटे पढ़ाई करने से अच्छा है कि कुछ घंटे ही रेग्यूलर पढ़ाई करनी चाहिए।
आई नेक्स्ट - आपकी सफलता में पेरेंट्स का कितना साथ रहा?
किसलय राज - उनका साथ बहुत अहम रहा, खासकर मां का। मेरा ख्याल रखने और समय पर खाना खिलाने के लिए मेरी मां पिछले दो साल से कहीं नहीं गई। किसी रिलेटिव के यहां किसी फंक्शन में भी नहीं जाती थी। पापा हमेशा साथ देते रहे और छोटे भाई ने भी प्रिपेरेशन के दौरान काफी हेल्प की।
आई नेक्स्ट - आपको किस सŽजेक्ट में कितने माक्र्स मिले हैं और कौन सा सŽजेक्ट फेवरेट है?
किसलय राज - मुझे मैथ्स में पूरे 120 में 120 मिले, फिजिक्स और केमिस्ट्री में 115-115. फिजिक्स मेरा फेवरेट सŽजेक्ट है।
आई नेक्स्ट - आईआईटी में आपकी प्रायोरिटीज क्या हैं और किस ब्रांच से बीटेक करना चाहते हैं?
किसलय राज - मेरी फस्र्ट च्वॉइस आईआईटी मुंबई है। कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल से बीटेक करना चाहता हूं।


खडग़पुर से बीटेक करना चाहते हैं आदित्य
सोनारी में रहने वाले और डीएवी बिष्टुपुर के स्टूडेंट आदित्य अग्रवाल को जेईई (मेन) में 268 माक्र्स हासिल हुए हैं। आदित्य के पिता गोविंद कुमार अग्रवाल बिजनेसमैन हैं और मां मंजू अग्रवाल हाउस वाइफ। आदित्य के इस अचीवमेंट पर उनके दादा-दादी महावीर भागीरथ और शांति अग्रवाल काफी खुश दिख रहे थे। आदित्य का कहना था कि वह जेईई (एडवांस्ड) में अच्छा स्कोर लाकर अपने अंकल सुमित अग्रवाल की तरह ही आईआईटी खडग़पुर से बीटेक करना चाहते हैं। आदित्य का फेवरेट सŽजेक्ट मैथ्स है और वह डेली सिर्फ 5 घंटे ही पढ़ाई करते थे। आदित्य का छोटा भाई मधुसूदन 8वीं क्लास का स्टूडेंट है।  
मैं रेग्यूलर 5 घंटे पर डे पढ़ाई करता था। एडवांस्ड को ही ध्यान में रखकर पढऩा काफी फायदेमंद रहा। अब तो 25 मई का वेट कर रहा हूं, एडवांस्ड में अच्छा स्कोर लाना है।
-आदित्य अग्रवाल, जेईई (मेन) में 268 माक्र्स


आदित्य की सफलता पर हम बहुत खुश हैं। वह चाचा को अपना आईडल मानता है। हमें उम्मीद है कि जेईई एडवांस्ड में अपने अच्छे परफॉर्मेंस के बल पर वह आईआईटी पहुंचने में कामयाब रहेगा।
- महावीर भागीरथ अग्रवाल, आदित्य के दादा

केमिस्ट्री पर फोकस केरेंगे प्रियम

सुंदरनगर के रहने वाले प्रियम सिंह को जेईई (मेन) में कुल 271 माक्र्स मिले हैं। आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की इच्छा रखने वाले प्रियम का कहना है कि वे एडवांस्ड में और अच्छा परफॉर्म करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने केमिस्ट्री पर फोकस करना शुरू कर दिया है। आमतौर पर इंजीनियरिंग का प्रिपेरेशन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए केमिस्ट्री इजी सŽजेक्ट होता है पर प्रियम को केमिस्ट्री में सिर्फ 61 माक्र्स ही मिले। उन्हें मैथ्स में 115 जबकि फिजिक्स में 95 माक्र्स हासिल हुए हैं। प्रियम के पिता हरिशंकर साकची में ऑटो पाट्र्स की शॉप चलाते हैं। मां हाउस वाइफ हैं और भाई भुवनेश्वर से बीटेक कर रहे हैं।


केमिस्ट्री में कुछ और माक्र्स बढ़ाने हैं। मैं एडवांस्ड के प्रिपेरेशन में लगा हूं और कोशिश कर रहा हूं कि इस सŽजेक्ट को और स्ट्रांग करूं.  ईमानदारी से की हुई मेहनत बेकार नहीं जाती।
- प्रियम सिंह, जेईई (मेन) में 271 माक्र्स