Allahabad: जो पढ़ रहे हैं उसके बारे में श्योर नहीं है कि क्वैश्चंस पूछे ही जाएंगे। नहीं जानते कि पिछले दिनों में जो कुछ भी बढ़ा है वह कोर्स का पार्ट है भी या नहीं। यह हाल है इस साल यूजीसी नेट की परीक्षा में पहली बार एपीयर होने जा रहे कैंडीडेट्स का। नेशनल लेवल के इस एलिजिबिलिटी टेस्ट को होने में सिर्फ 17 दिनों का समय शेष रह गया है और अभी तक यूजीसी की तरफ से कोर्स के संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। यानी यह कैंडीडेट्स की किस्मत पर निर्भर है कि उन्होंने जो कुछ भी तैयारी की है उसी में से क्वैश्चंस आ जाएं और वे इस एग्जाम का क्वालीफाई कर लें.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तैयार
इलाहाबाद में टेस्ट कराने की जिम्मेदारी संभालने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। सेंटर्स की लिस्ट न सिर्फ तैयार हो चुकी है बल्कि उसे जारी भी कर दिया गया है। सिटिंग प्लान को भी फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो स्थानीय स्तर पर जो कुछ भी होना है उसका पूरा खाका खींचा जा चुका है। सेंटर कोऑर्डिनेटर प्रो। माता अम्बर तिवारी के मुताबिक इस बार के टेस्ट में सभी 51 सब्जेक्ट के 25811 कैंडिडेट शामिल होंगे। 30 जून को होने वाला नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट सिटी के 40 सेंटर्स पर कंडक्ट कराया जाएगा। यूनिवर्सिटी में 16 व यूनिवर्सिटी से बाहर डिफरेंट कॉलेजेज में कुल 24 सेंटर बनाए गए हैं. 

नहीं मिला syllabus
दूसरी तरफ कैंडिडेट्स की तैयारी अभी बाकी है। खासकर उन कैंडिडेट्स की पढ़ाई हवा हवाई है, जो टेस्ट में पहली बार शामिल होने जा रहे हैं। उनकी प्रॉब्लम नेट के सिलेबस को लेकर है। दरअसल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने अप्रैल में नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए नोटिफिकेशन तो कर दिया, लेकिन सब्जेक्ट से रिलेटेड डिफरेंट सब्जेक्ट का सिलेबस अपलोड नहीं किया। ऐसी स्थिति में खासतौर पर उन कैंडिडेट्स की तैयारी की वाट लग गई है जो कुछ स्पेशल सब्जेक्ट से नेट में शामिल होने की तैयारी में हैं। कैंडिडेट्स को इन सब्जेक्ट का सिलेबस न तो मार्केट से अवेलेबल हो सका है और न ही अपने किसी सीनियर से.

PG syllabus पर based है तैयारी
टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट सब्जेक्ट से नेट की तैयारी कर रहे कटरा के राहुल सिंह की मानें तो सिलेबस के लिए उन्होंने मार्केट की खाक छानी, लेकिन उन्हें नेट का सिलेबस नहीं मिला। उनके टॅच में ऐसा कोई फ्रेंड भी नहीं है, जो इस सब्जेक्ट से नेट की तैयारी कर रहा हो। इस स्थिति में उन्होंने नेट के लिए तैयारी तो की, लेकिन पीजी कोर्स के सिलेबस को ध्यान में रखकर। राहुल कहते हैं कि अब पेपर सामने आने के बाद उन्हें मालूम होगा कि उनकी ये हवा हवाई पढ़ाई कितनी कारगर होती है? 

इन subject में हुई problem
यूजीसी की वेबसाइट पर सिलेबस के अवेलेबल न होने के चलते वैसे तो ज्यादातर सब्जेक्ट के कैंडिडेट्स को परेशान होना पड़ा। लेकिन, इसके अलावा कुछ सब्जेक्ट ऐसे रहे, जिनके कैंडिडेट्स को अभी तक सिलेबस नसीब नहीं हुआ है। सोशल वर्क, डिफेंस स्टडीज, अरबिक, वूमेंन स्टडीज, विजुअल आर्ट, सोशल मेडिसिन, फोरेंसिक साइंस, इनवॉयरमेंट साइंस, ऑर्कियोलॉजी व फिजिकल एजूकेशन जैसे सब्जेक्ट वाले ज्यादातर कैंडिडेट्स को बिना सिलेबस पढ़ाई करनी पड़ रही है.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तैयार

इलाहाबाद में टेस्ट कराने की जिम्मेदारी संभालने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। सेंटर्स की लिस्ट न सिर्फ तैयार हो चुकी है बल्कि उसे जारी भी कर दिया गया है। सिटिंग प्लान को भी फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो स्थानीय स्तर पर जो कुछ भी होना है उसका पूरा खाका खींचा जा चुका है। सेंटर कोऑर्डिनेटर प्रो। माता अम्बर तिवारी के मुताबिक इस बार के टेस्ट में सभी 51 सब्जेक्ट के 25811 कैंडिडेट शामिल होंगे। 30 जून को होने वाला नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट सिटी के 40 सेंटर्स पर कंडक्ट कराया जाएगा। यूनिवर्सिटी में 16 व यूनिवर्सिटी से बाहर डिफरेंट कॉलेजेज में कुल 24 सेंटर बनाए गए हैं. 

नहीं मिला syllabus

दूसरी तरफ कैंडिडेट्स की तैयारी अभी बाकी है। खासकर उन कैंडिडेट्स की पढ़ाई हवा हवाई है, जो टेस्ट में पहली बार शामिल होने जा रहे हैं। उनकी प्रॉब्लम नेट के सिलेबस को लेकर है। दरअसल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने अप्रैल में नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए नोटिफिकेशन तो कर दिया, लेकिन सब्जेक्ट से रिलेटेड डिफरेंट सब्जेक्ट का सिलेबस अपलोड नहीं किया। ऐसी स्थिति में खासतौर पर उन कैंडिडेट्स की तैयारी की वाट लग गई है जो कुछ स्पेशल सब्जेक्ट से नेट में शामिल होने की तैयारी में हैं। कैंडिडेट्स को इन सब्जेक्ट का सिलेबस न तो मार्केट से अवेलेबल हो सका है और न ही अपने किसी सीनियर से।

PG syllabus पर based है तैयारी

टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट सब्जेक्ट से नेट की तैयारी कर रहे कटरा के राहुल सिंह की मानें तो सिलेबस के लिए उन्होंने मार्केट की खाक छानी, लेकिन उन्हें नेट का सिलेबस नहीं मिला। उनके टॅच में ऐसा कोई फ्रेंड भी नहीं है, जो इस सब्जेक्ट से नेट की तैयारी कर रहा हो। इस स्थिति में उन्होंने नेट के लिए तैयारी तो की, लेकिन पीजी कोर्स के सिलेबस को ध्यान में रखकर। राहुल कहते हैं कि अब पेपर सामने आने के बाद उन्हें मालूम होगा कि उनकी ये हवा हवाई पढ़ाई कितनी कारगर होती है? 

इन subject में हुई problem

यूजीसी की वेबसाइट पर सिलेबस के अवेलेबल न होने के चलते वैसे तो ज्यादातर सब्जेक्ट के कैंडिडेट्स को परेशान होना पड़ा। लेकिन, इसके अलावा कुछ सब्जेक्ट ऐसे रहे, जिनके कैंडिडेट्स को अभी तक सिलेबस नसीब नहीं हुआ है। सोशल वर्क, डिफेंस स्टडीज, अरबिक, वूमेंन स्टडीज, विजुअल आर्ट, सोशल मेडिसिन, फोरेंसिक साइंस, इनवॉयरमेंट साइंस, ऑर्कियोलॉजी व फिजिकल एजूकेशन जैसे सब्जेक्ट वाले ज्यादातर कैंडिडेट्स को बिना सिलेबस पढ़ाई करनी पड़ रही है।