ब्लाग पर दी है जानकारी

अपने ब्लाग पर ट्रुथ थ्योरी की बात करते हुए भारतीय वैज्ञानिक नीरज नाईक ने कोकाकोला पीने से होने वाले सेहत संबंधी दिक्कतों और चौकांने वाली जानकारियों को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया है कि कोकाकोला को पीने के साथ ही 10 मिनट के अंदर आप 10 टेबल स्पून इनटेक कर लेता है जो आपके लिए प्रस्तावित शक्कर के डेली इन्टेक से सौ प्रतिशत तक ज्यादा है। अगर आप सामान्य रूप से इतनी शक्कर पीयें तो आपको वोमिटिंग तक हो सकती है पर इसमें मिला फॉस्फोरिक एसिड इसे आपको स्वाद का अहसास ही नहीं होने देता।  

बीस मिनट में बढ़ जाता है ब्लड शुगर का स्तर

कोकाकोला पीने के 20 मिनट के अंदर आपके शरीर का ब्लड शुगर लेबल खतरनाक हद तक बढ़ ज्यादा है शरीर में इंसुलिन ब्रस्ट होता है। इस शक्कर की इतनी अधिक मात्रा से बहुत ज्यादा फैट बनता है। जो और भी बुरा है।

40 मिनट में रक्तचाप बढ़ जाता है

इसके बाद 40 मिनट के कैफीन के असर से अपका पल्स रेट प्रभावित होता है और आपका रक्तचाप बढ़ने लगता है। इसका असर ये होता है कि लीवर आपके रक्त प्रवाह में शक्कर की मात्रा और ज्यादा बढ़ा देता है। जिसके कारण आपका दिमाग थकने लगता है और आप आलस महसूस करने लगते हैं।  

शुगर क्रैश की ओर धकेलता है

45 मिनट में शरीर में डोपामाइन उत्पादन आपके दिमाग के मध्य में प्रभाव डालने लगता है और उसी तरह काम करता है जैसे हेरोइन ड्रग लेने वाले के दिमाग पर प्रभाव पड़ता है। इसके बाद एक घंटे में आपके शरीर में कैफीन की वजह से शुगर क्रैश की स्थिति बन जाती है।

फलों के रस में इतनी ही शक्कर होने के बाद भी नहीं होता हानिकारक असर

नाईक ने माना है कि ज्यादातर फलों के रस में भी इतनी ही मात्रा में शक्कर होती है पर वो कोकाकोला की तरह खतरनाक असर नहीं डालती है। इसका कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया है कि प्राकृतिक चीजों में अपने आप ही रक्षा करने वाले तत्व मौजूद होते हें जो मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाते। जैसे फलों में फाइबर की मौजूदगी शक्कर के लिए एंटी डोज की तरह काम करती है और आप उसके हानिकारक प्रभाव से बचे रहते हैं।

 

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